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यूक्रेन पर भारत की स्थिति की आलोचना करने वालों को एस जयशंकर का करारा जवाब, यूक्रेन युद्ध ‘यूरोप के लिए चौकन्ना करने वाला संदेश, लेकिन एशिया…’

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूक्रेन पर भारत की स्थिति की आलोचना करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि पश्चिमी शक्तियां एशिया के सामने आने वाली चुनौतियों से बेखबर हैं, जिसमें अफगानिस्तान में पिछले साल की घटनाएं और अपनी नीतियों की वजह से क्षेत्र के विभिन्न देशों पर लगातार दबाव शामिल है. रायसीना डायलॉग में एक संवादात्मक सत्र के दौरान जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में संकट यूरोप के लिए एक “चौकन्ना करने वाला संदेश” हो सकता है. यह कहते हुए कि यह पिछले 10 वर्षों में दुनिया के लिए यह “आसान हिस्सा” नहीं है, उन्होंने यह भी देखने के लिए कहा कि एशिया में क्या हो रहा है.

यूक्रेन की स्थिति पर नॉर्वे के विदेश मंत्री एनिकेन हुइटफेल्ड के एक विशिष्ट प्रश्न का जवाब देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत लड़ाई की तत्काल समाप्ति और दोनों देशों को कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने के लिए दबाव डाल रहा है. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जहां यूक्रेन में संघर्ष का संबंध है, हमारे पास एक बहुत स्पष्ट स्थिति है जिसे पहले भी जाहिर किया गया है. एक स्थिति जो लड़ाई की तत्काल समाप्ति पर जोर देती है, जो कूटनीति और वार्ता की वापसी का आग्रह करती है, जो राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की जरूरत पर जोर देती है.”

‘सभी देशों की प्राथमिकताएं अलग हैं’

उन्होंने कहा, “आपने यूक्रेन के बारे में बात की थी. मुझे याद है, एक साल से भी कम समय पहले, अफगानिस्तान में क्या हुआ था, जहां एक पूरे नागरिक समाज को दुनिया ने अपने स्वार्थ के लिए नरक में झोंक दिया था.” उन्होंने आगे कहा, “मैं काफी ईमानदारी से कहूंगा, हम सभी अपने विश्वासों और रुचियों, अपने अनुभव का सही संतुलन खोजना चाहेंगे, और यही सब वास्तव में करने की कोशिश करते हैं. यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अलग दिखता है, सभी इसे अपने-अपने नजरिए से देखते हैं. सभी देशों की प्राथमिकताएं अलग हैं और यह काफी स्वाभाविक भी है.”

विदेश मंत्री नॉर्वे और लक्ज़मबर्ग के अपने समकक्षों के साथ-साथ स्वीडन के पूर्व प्रधान मंत्री कार्ल बिल्ड द्वारा यूक्रेन संकट पर सवालों की एक सीरीज का जवाब दे रहे थे. जयशंकर ने कहा, “काफी स्पष्ट रूप से, हम पिछले दो महीनों से यूरोप की तरफ से बहुत सारी दलीलें सुन रहे हैं कि यूरोप में जो चीजें हो रही हैं और एशिया को इसकी चिंता करनी चाहिए क्योंकि यह एशिया में भी हो सकता है.”

उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 वर्षों से एशिया में चीजें हो रही हैं. यूरोप ने इस पर ध्यान नहीं दिया होगा. इसलिए यह यूरोप के लिए एक चौकन्ना करने वाला संदेश हो सकता है. रूस-यूक्रेन युद्ध के हालात इस बात की भी चेतावनी देते हैं कि यूरोप अपनी नजर एशिया की तरफ भी रखे.’

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