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महंगे कपड़े और भारी गहने पहनने पर नहीं मिलेगा खाना, रेस्टोरेंट के नए नियम से सोच में पड़ गए नेता-अभिनेता

समाज में बराबरी का दर्जा मिले न मिले, मगर रेस्टोरेंट में सभी को एक समान रहना होगा. सुनने में है न अजीब मगर सच यही है एक रेस्टोरेंट मालिक ने ऐसा कदम उठाया जो कोई सोच भी नहीं सकता. कोई खुद को किसी से कम न समझे. कोई खुद को शर्मिंदा महसूस न करे. वो पब्लिक प्लेस पर समान भाव से देखा समझा जाए इसका ज़िम्मा किसी नेता ने नहीं बल्कि एक रेस्टोरेंट ने उठाया. और नियम बनाया कि यहां आने वाले एक बराबर होंगे.

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी (Australia, Sydney) में रेस्तरां और क्लब बेडौइन (Restaurant and club Bedouin) ने अपने यहां आने वालों के लिए एक अनोखा नियम बनाया है. वो ये कि यहां आने वाले लोग महंगे दिखावटी कपड़े, भारी गहने और बदन पर टैटू लेकर नहीं आ सकते.

ये नियम क्लब ने तब लगाया जब वहां शहर के बड़े-बड़े सेलेब्रिटी और राजनेता अक्सर आते हैं. जिनमें से कईयों ने इस नियम का माखौल उड़ा कर इसे अप्रैल फूल करार दिया. मगर Club Owner अपने नियम पर कायम है.

न नेता, न अभिनेता यहां आने के लिए बनना होगा ‘Common Man’

अपने नफा-नुकसान का ख्याल छोड़, बड़े-बड़े नेता-अभिनेता के विरोध की चिंता छोड़ एक रेस्तरां और क्लब ने ऐसा कदम उठाया जिसने सभी को हैरान कर दिया. यहां सभी को आम इंसान की तरह आना होगा. सामान्य कपड़े और गहने पहनने होंगे (Have to wear normal clothes and jewelry like a normal person), यहा कोई छोटा या बड़ा नहीं होगा सभी को एक समान ट्रिटमेंट दिया जाएगा.

रेस्टोरेंट का उद्देश्य है कि यहां आने वाले लोग सहज महसूस करे. बहुत ज्यादा अमीर और प्रभावशाली लोगों को देखकर वो यहां आने से डर या संकोच महसूस न करे. बस यही वजह है कि डबल बे में बेडौइन रेस्तरां एंड क्लब ने अब अपने यहां ऐसा विचित्र ड्रेस कोड जारी कर दिया.

सभी रह सकें हीनभावना से मुक्त और सहज

डेली टेलीग्राफ के मुताबिक, वेन्यू के को-ओनर पोआटा ओकेरोआ का कहना है कि हमने समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर नियम बताए हैं. सभी को घर सा एहसास देने के लिए ये नियम निर्धारित किए गए हैं.

वहीं इलाके की पार्षद मैरी-लो जार्विस (Councillor Mary-Lou Jarvis) ने कहा है कि बिज़नेस करने वालों को अपने नियम चुनने का अधिकार है. रेस्तरां का कहना है कि जिन्हें उनके ये नियम पसंद नहीं वो कहीं और जाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. जबकि एक और पार्षद (Councillor) ने इस नियम को अप्रैल फूल जैसा मज़ाक करार दिया.

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