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पुतिन का नया ऐलान : रूस के इस बयान से यूरोपीय कमीशन को दिखाई देने लगे दिन में तारे, सभी देशों से की ये अपील

पैराग्‍वे (एजेंसी)। रूस से नार्ड स्‍ट्रीम 1 के द्वारा यूरोप को होने वाली गैस सप्‍लाई रुक जाने से यूरोप के सामने संकट खड़ा हो गया है। पहले जर्मनी ने इस पर अपनी चिंता जताई थी, लेकिन अब यूरोपीय कमीशन को भी दिन में तारे दिखाई देने लगे हैं। दरअसल, रूस द्वारा यूरोप को गैस सप्‍लाई के लिए बिछाई गई नार्ड स्‍ट्रीम 1 पाइपलाइन में दिक्‍कत आ गई है। इसके चलते इसकी मरम्‍मत का काम चल रहा है।

ये मरम्‍मत का काम करीब 10 दिनों तक चलना है। इसके बाद भी यूरोप को रूस गैस सप्‍लाई शुरू करेगा, इसको लेकर भी कुछ साफ नहीं है। रूस कह चुका है कि यूरोप को होने वाली गैस सप्‍लाई उनके द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को खत्‍म करने पर निर्भर करती है। पश्चिमी देश ऐसा चाहेंगे तो रूस की तरफ से स्थिति सामान्‍य की जा सकेगी। रूस की तरफ से आए इस बयान ने भी यूरोप की घंटी बजा दी है।

यूरोपीय कमीशन की अपील

इस बीच यूरोपीय कमीशन ने सभी सदस्‍य देशों से ये अपील की है कि वो अपने दफ्तरों पर लगे कूलिंग प्‍लांट का उपयोग कम करें। इतना ही नहीं कमीशन की तरफ से ये भी कहा गया है कि आफिसों को 19 डिग्री सेल्सियस के तापमान से कम न किया जाए। यूरोप में भविष्‍य में होने वाली गैस की किल्‍लत और मौजूदा समय की परेशानी को देखते हुए ये अपील की गई है। यूरोपीय कमीशन की तरफ से जारी दस्‍तावेज में साफतौर पर गैस की कमी का जिक्र किया गया है।

कूलिंग कम करने की सलाह

इस दस्‍तावेज में ये भी कहा गया है कि इमारतों के तापमान को एयर कंडीशन के जरिए 25 डिग्री सेल्सियस से कम न किया जाए। ये अपील न सिर्फ सरकारी दफ्तरों के लिए की गई है बलिक इसमें सभी तरह की इमारतों का जिक्र किया गया है। इसमें साफतौर पर कहा गया है कि यदि आज इसकी बचत कर लेंगे तो इसका इस्‍तेमाल सर्दियों में किया जा सकेगा। यूरोपीय कमीशन की तरफ से कही गई ये लाइनें अपने आप में काफी खास हैं।

यूएन प्रमुख ने जताई थी चिंता

आपको बता दें कि यूएन प्रमुख एंटोनियो गुतारेस ने यूक्रेन का दौरा करने के समय कहा था कि यहां के लोगों को सर्दियां काटना और मुश्किल हो सकता है। उनका इशारा केवल वहां पर हो रहे रूस के हमलों से नहीं था बल्कि रूस की तरफ से आ रही गैस सप्‍लाई की तरफ भी था। उनके बयानों में आने वाले दिनों में गैस की कमी से बढ़ती चिंताओं की आशंका साफतौर पर दिखाई दी थी। इसके अलावा जर्मनी की एनर्जी कंट्रोलिंग एजेंसी ने गैस की कमी पर चिंता पहले ही जता चुकी है। यूरोप में ये संकट रूस-यूक्रेन युद्ध से अधिक गहराया है।

एक्‍सपर्ट की सलाह

एनर्जी एक्‍सपर्ट का कहना है कि यदि थर्मोस्‍टेट को एक डिग्री कम दिया जाए तो बिजली के बिल में करीब दस फीसद तक की कमी की जा सकती है। इन एक्‍सपर्ट की राय ये भी है कि 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान करने से केवल ऊर्जा का दुरुपयोग होता है।

गैस निर्भरता कम करने पर विचार

बता दें कि ब्रसेल्‍स लगातार रूस से गैस की निर्भरता को कम करने पर विचार कर रहा है। पिछले वर्ष यूरोप ने रूस से 140 बिलियन क्‍यूबिक मीटर गैस की खरीद की थी। ईयू के दस्‍तावेज में कहा गया है कि रूस से होने वाली गैस सप्‍लाई केवल एक तिहाई रह गई है। इसकी वजह से हालात काफी खराब हो गए हैं। आने वाले दिनों में यदि गैस की बहाली न हुई तो हालात और अधिक खराब हो जाएंगे।

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