Russia Ukraine War: रूस को मिली खाद्यान्न निर्यात की सुविधा, वैश्विक अनाज संकट के जल्द समाप्त होने की संभावना; अमेरिका का लिखित स्पष्टीकरण
मास्को Agency: यूक्रेन से खाद्यान्न निर्यात को लेकर महीनों से बना गतिरोध दूर होने के संकेत हैं। अमेरिका के लिखित आश्वासन और रूस द्वारा उसका स्वागत किए जाने से अगले सप्ताह समझौते पर संबद्ध पक्षों के हस्ताक्षर होना लगभग तय माना जा रहा है। युद्ध के बीच यह समझौता निकट भविष्य में शांति की संभावना जगाने वाला है।
रूसी नौसेना द्वारा काला सागर की नाकेबंदी से फरवरी से ही क्षेत्र में मालवाही पोतों का आवागमन ठप है। इसका सीधा असर यूक्रेन के निर्यात पर पड़ा है। वहां का दो करोड़ टन से ज्यादा खाद्यान्न गोदामों में भरा हुआ है और विश्व बाजार में गेहूं और मक्का की कीमतें बढ़ रही हैं। गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक रूस पर प्रतिबंध लगे होने की वजह से वहां का खाद्यान्न भी विश्व बाजार में नहीं पहुंच रहा, इसलिए कई देशों के समक्ष दाने-दाने के लिए मोहताज होने का खतरा पैदा हो गया है।
आसन्न संकट को भांपकर दोनों पक्षों ने समझौते की दिशा में कदम बढ़ाए। उसी के बाद संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में बुधवार को तुर्किये में हुई बैठक में गतिरोध को दूर करने की रूपरेखा तैयार हुई। अगले सप्ताह रूस, यूक्रेन और तुर्किये के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा समझौते को नजदीक बता चुके हैं। वरिष्ठ यूक्रेनी अधिकारी ने कहा है कि हम समझौते के लिए उत्सुक हैं। यह जितना जल्द हो-उतना अच्छा।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि समझौते का मसौदा सकारात्मक है, निर्यात शुरू करने को लेकर जल्द समझौता हो सकता है। समझौते में यूक्रेन को गारंटी देनी होगी कि वह अपने मालवाही जहाजों में विदेश से हथियार नहीं लाएगा। साथ ही पश्चिमी देशों की ओर से यह गारंटी होगी कि रूस अपना खाद्यान्न और उर्वरक भी बिना रोक-टोक निर्यात कर सकेगा। अमेरिका ने इस सिलसिले में लिखित स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। रूस ने अमेरिका के स्पष्टीकरण का स्वागत किया है।
अमेरिका ने कहा है कि रूसी खाद्यान्न और उर्वरक ले जा रहे जहाजों को बैंकिंग, बीमा और लंगर डालने की अनुमति होगी। उन्हें पूर्व की भांति सुविधा मिलेगी। उन पर किसी तरह के प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। तुर्किये काला सागर में जहाजों के सुरक्षित आवागमन की गारंटी देगा।
अमेरिका, कनाडा के रूस पर आरोप से जी 20 में तनाव
इंडोनेशिया में हो रही जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में अमेरिका के वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने और खाद्यान्न की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए रूस को जिम्मेदार बताया। कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण दुनिया में खाद्यान्न और ईंधन की समस्या पैदा हुई है। कनाडा की वित्त मंत्री क्रिश्टिया फ्रीलैंड ने बैठक में मौजूद रूसी अधिकारियों को सीधे तौर पर युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया। इससे बैठक का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण हो गया।