NER वाराणसी मंडल में गंगा कावेरी ट्रेन के टीटीई पर जानलेवा हमला, हमलावर पुलिस गिरफ्त में
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मामला 12670 गंगा कावेरी एक्सप्रेस में टिकट चेक करने के दौरान हुआ हमला, टी टीई अस्पताल में भर्ती
लखनऊ / लखनऊ मंडल के प्रतापगढ स्टेशन पर टीटीई पर हुआ जानलेवा हमला अभी पटाक्षेप हो भी नहीं पाया कि एक और टीटीई पर हुआ चाकू से जानलेवा हमला। प्राप्त विवरण के अनुसार सुनीलकुमार सिंह पुत्र रणविजय सिंह उप मुख्य टिकट निरीक्षक ने जीआरपी वाराणसी को दिये गये एक लिखित तहरीर में आरोप लगाया है कि 27/3/ को वह गाङी संख्या 12670 गंगा कावेरी एक्सप्रेस में 27/3 को शयनयान में टिकट चेकिंग के दौरान एक यात्री से टिकट मांगने पर आरोपी यात्री ने कहा कि मेरे पास टिकट नहीं है ।
इस संबंध उक्त टीटीई ने पेनाल्टी के साथ टिकट बनवाने के लिए कहा तो उक्त यात्री ने टिकट बनवाने से साफ इंकार कर दिया और वाद विवाद करना शुरु कर दिया तथा मौका पाकर पीछे से चाकू से हमला कर दिया और भागने लगा मेरे द्धारा हल्ला मचाने पर उक्त हमलावर यात्री ट्रेन के शौचालय में जाकर अन्दर से बंद लिया, जिससे ट्रेन में चल रहे आन डियूटी आरपीएफ के जवानों ने बमुश्किल शौचालय का दरवाजा खोलकर बाहर निकाला गया।
भुक्तभोगी टीटीई ने बताया कि चलती ट्रेन में घटना घटित होने के कारण बलिया रेलवे स्टेशन पर रेलवे के चिकित्सक द्धारा फस्ट ट्रेट कराया गया। समय अभाव के कारण भुक्त भोगी वाराणसी कैंट स्टेशन पर तहरीर दे रहा है एंव तत्काल पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी के चिकित्सक द्बारा जिला अस्पताल रिफर किया गया जहां मेरा ईलाज चल रहा है ।
सूत्रों ने बताया कि उक्त घटना में आरोपी को आरपीएफ स्कार्ट ने गिरफ्तार करके जीआरपी वाराणसी में बंद करवा दिया गया है ।परन्तु जी आरपी ने एफ आई आर करने में पहले तो हीला हवाली किया क्यों कि भुक्तभोगी को तत्काल उपचार के लिए रेलवे हास्पिटल में भर्ती करवानी पङी। और फिर जिला चिकित्सालय में रिफर करवाना पङा क्योंकि एफ आई आर में जिला चिकित्सक की ही मेडिकल रिपोर्ट मानी जाती है।
सूत्रों के अनुसार तब जीआरपी वाराणसी ने कहा है कि आज दिन में एफ आई आर की कांपी देंगे। इस संबंध में चेकिंग स्टाफ के कंडक्टर, बीएन यादव, श्यामबिहारी सिंह ,मनोज कुमार सिंह, सर्वजित मिश्रा, राजेश कुमार, अजय कुमार निराला, शम्भू कुमार, राहुलकुमार तथा आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर, आरपीएफ कांस्टेबल मौजूद थे।
जबकि इतनी घटनाएं होने के बावजूद रेल प्रशासन चेकिंग स्टाफ की कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं कर रही है। और चेकिंग स्टाफ रात्रि में अकेले जान को जोखिम में डालकर करते हैं ट्रेन चेकिंग। आखिर कब चेतेगा रेल प्रशासन रेलमंत्री जी।