सपा की मान्यता खत्म करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, नाहिद हसन की उम्मीदवारी पर घिरे अखिलेश यादव
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई है। इस अर्जी में कहा गया है कि चुनाव में उम्मीदवार तय करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सपा ने उल्लंघन किया है और इसके लिए उसकी मान्यता खत्म की जाए।
अश्विनी उपाध्याय ने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि यूपी के कैराना से नाहिद हसन को उतारकर सपा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। उपाध्याय ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी ने कैराना से एक गैंगस्टर को चुनाव मैदान में उतार दिया।
उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड अपने ट्विटर अकाउंट और वेबसाइट पर सपा ने जारी नहीं किया। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में भी कोई जानकारी नहीं दी गई।’
अधिवक्ता ने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में मांग की है कि सपा अध्यक्ष की ओर से उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है। ऐसे में चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वह उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे। हालांकि नाहिद हसन को यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी उनका टिकट भी काट चुकी है। विरोध के बाद सपा ने नाहिद हसन की बहन को टिकट दिया है।
A PIL is filed in SC seeking direction to ECI to take steps to ensure that every political party publishes the details regarding criminal cases of each candidate along with reason for such selection on the Home Page of its official website in the spirit of the apex court judgment
— ANI (@ANI) January 17, 2022
हालांकि भाजपा अब भी इस मामले पर सपा पर आक्रामक है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ हमला बोलते हुए कह चुके हैं कि सपा की पहली ही लिस्ट से उसके इरादे साफ हैं कि वह कैसे पश्चिम यूपी को गुंडाराज में झोंकने की तैयारी में है।
अश्विनी उपाध्याय ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वह यह सुनिश्चित करे कि हर पार्टी अपने प्रत्याशियों पर दर्ज मुकदमों के बारे में जानकारी प्रकाशित करे। इसके अलावा अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी भी दे कि आखिर आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी उसे प्रत्याशी क्यों बनाया गया है।