योगी सरकार से ज्यादा मुलायम और मायावती सरकार में एनकाउंटर में मारे गए अपराधी, देखें आंकड़ें
लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) में कानून-व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. वर्ष 2017 में भी चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने का वादा कर रहे थे.
इसके बाद जब योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो क्राइम कंट्रोल के लिए एनकाउंटर (Police Encounter) की एक अघोषित पॉलिसी पर पुलिस ने अमल करना शुरू कर दिया. ‘फुल एनकाउंटर’ के साथ ही मुठभेड़ में अपराधी के पैर में गोली लगने को ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ और ‘हाफ एनकाउंटर’ कहा गया.
इस बीच आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वर्ष 2017 से 2022 के दौरान योगी सरकार में 9185 एनकाउंटर हुए, जबकि अखिलेश सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में कुल 4359 एनकाउंटर हुए थे. वहीं योगी सरकार में जहां 156 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए, जबकि अखिलेश सरकार में 40 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे.
इसके अलावा अलावा योगी सरकार में 19908 अपराधी एनकाउंटर में गिरफ्तार किए गए, जबकि अखिलेश सरकार में 11963 अपराधी गिरफ्तार किए गए थे. योगी सरकार के दौरान एनकाउंटर में घायल होने वाले अपराधियों की संख्या 3664 थी, जबकि अखिलेश सरकार में 282 अपराधी एनकाउंटर में जख्मी हुए थे. योगी सरकार में इन्हीं घायल अपराधियों के लिए ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ या ‘हाफ एनकाउंटर’ शब्द का इस्तेमाल हुआ.
योगी सरकार में 1242 पुलिसकर्मी एनकाउंटर में जख्मी हुए तो अखिलेश सरकार में घायल हुए पुलिसकर्मियों की संख्या 150 थी. योगी सरकार में 13 पुलिस वाले पुलिसकर्मी एनकाउंटर में शहीद हुए, जबकि अखिलेश सरकार में 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
मुलायम और मायावती के कार्यकाल में हुआ ज्यादा एनकाउंटर
योगी सरकार के दौरान यह साबित करने की कोशिश होती रही कि अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्ती से कार्यवाही की जा रही है, जिसका अहम हिस्सा ये एनकाउंटर हैं. हालांकि आंकड़ों पर अगर गौर करें तो वर्ष 2002 से 19 मार्च 2017 के बीच यूपी में 800 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे, यानी हर साल औसतन 56 अपराधियों की मुठभेड़ में मौत हुई, जबकि योगी सरकार में यह औसत निकालें तो हर साल 31 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए.
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकार में योगी आदित्यनाथ की तुलना में ज्यादा अपराधी एनकाउंट में मारे गए थे. वर्ष 2003 से 2007 के बीच एनकाउंटर में मारे जाने वाले अपराधियों का रिकॉर्ड बना. इस दौरान 499 अपराधी मारे गए थे. मुलायम सरकार में 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. वहीं मायावती की सरकार में 2008 से 2012 के बीच एनकाउंटर्स में 261 अपराधी मारे गए और आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए.