Uttar Pradesh

भ्रष्टाचारी आईएएस अरेस्ट:बंदूक के लाइसेंस के लिए 5 लाख रुपए लेता, घूस में तेल के डिब्बे और मसाज ऑयल भी मंगाता था

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम ने गुरुवार को गुजरात सरकार के सचिव और सुरेंद्रनगर के तत्कालीन कलेक्टर के. राजेश सहित तीन लोगों के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया।

इस मामले में सीबीआई की टीम ने आईएएस अधिकारी राजेश के गांधीनगर और आंध्र प्रदेश के राजमुद्री क्षेत्र में छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त कर सूरत से एक जींस कारोबारी रफीक मेनन को गिरफ्तार किया है।

हथियार लाइसेंस जारी करने के लिए कई लोगों से रिश्वत ली थी

आरोपी व्यापारी को अहमदाबाद सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया और एक दिन के रिमांड पर लिया गया। सीबीआई सूत्रों के अनुसार गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी और सुरेंद्रनगर के तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान में गांधीनगर में प्रशासनिक सचिव के रूप में कार्यरत के राजेश ने अपने कार्यकाल के दौरान हथियार लाइसेंस जारी करने के लिए कई लोगों से रिश्वत ली थी, साथ ही अन्य चीजें भी घूस के रूप में ली थी। इसकी उच्च स्तर पर शिकायत होने पर राज्य सरकार ने इसकी जांच की मंजूरी देने बाद सीबीआई ने जांच की।

सिर पर एक वरिष्ठ मंत्री का हाथ था, इसके चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई

पूर्व में जब सुरेंद्रनगर जिला कलेक्टर थे तभी राजेश ने 500 एकड़ जमीन घोटाला किया। उस घोटाले और बंदूक का लाइसेंस जारी करने में की गई अनियमितताओं की जांच की गई है। अब सीबीआई ने उनके कथित घोटाले में बिचौलिए रफीक मेमन को भी सूरत से गिरफ्तार किया है।

यह भी पता चला है कि राजेश के घोटाले के तार पुरानी सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्री तक जाते हैं, और आने वाले दिनों में जांच उस राजनेता तक भी पहुंचेगी।

हकीकत यह है कि राजकोट के पास अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर जमीन अधिग्रहण के मामले में एक निजी व्यक्ति के नाम पर सरकारी जमीन हस्तांतरित कर बड़ा घोटाला किया गया था। इस घोटाले में उस समय सुरेंद्रनगर जिला कलेक्ट्रेट के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

तत्कालीन कलेक्टर राजेश ने पूरे मामले की जांच एसीबी को सौंपी थी। हालांकि, एसीबी ने जांच में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की और अपनी रिपोर्ट में किसी बड़े तथ्य का खुलासा नहीं किया।

राजेश की ओर से रफीक मेनन रिश्वत के पैसे लेता था

इस मामले में गिरफ्तार सूरत के कारोबारी मोहम्मद रफीक मेनन राजेश के रिश्वत के पैसों को ठिकाने लगाता था। सीबीआई ने शुक्रवार को उसे अहमदाबाद सीबीआई कोर्ट में पेश किया और एक दिन के रिमांड पर लिया। आरोप है कि आईएएस अफसर नागरिकों से घूस के पैसे की तस्करी व्यापारी और किसी अजनबी के जरिए करता था।

सीबीआई आने वाले दिनों में अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती है। इधर, सीबीआई की विभिन्न टीमों ने गांधीनगर में के. राजेश के आवास के साथ-साथ उनके गृहनगर आंध्रप्रदेश के राजमुद्री क्षेत्र में जांच की। जिसमें सीबीआई को कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं।

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