पूरी प्लानिंग के साथ उड़ाए 84 लाख रुपये, जेल में बंद कारोबारी के बैंक खाते से फ्रॉड का केस
कानपुर, । आंचल खरबंदा की मौत के मामले में जेल में बंद रसोई मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की कंपनी से 84 लाख रुपये निकाल लिए जाने के मामले में नजीराबाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पूरे मामले में बैंक कर्मचारियों के साथ ही सूर्यांश के घर तैनात तीन गार्ड भी संदेह के घेरे में हैं, क्योंकि जिस नई चेक के माध्यम से पैसे निकाले गए, वह अशोक नगर स्थित आवास के पते पर बैंक द्वारा भेजी गई थी, लेकिन ठगों के हाथ पहुंच गई।
इंस्पेक्टर नजीराबाद हर प्रसाद अहिरवार ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने बैंक आफ बड़ौदा की आशोक नगर शाखा को नोटिस जारी करके इस प्रकरण में हुए लेनदेन के समस्त दस्तावेज तलब किए हैं।
लखनऊ चेन्नई की बैंकों में भी पैसा भेजा गया है। उन्होंने बताया कि बैंक आफ बड़ौदा, शाखा अशोक नगर द्वारा फर्म के पंजीकृत पता 111ए / 118 अशोक नगर के पते पर नई चेक बुक को डाक माध्यम से भेजा गया, जिसे चौकीदारों द्वारा प्राप्त किया गया। 21 नवंबर से सूर्यांश जेल में है। सूर्याश के घर पर कोई भी व्यक्ति उपलब्ध नहीं था।
जिस अवधि में उक्त चेक बुक निर्गत हुई, उस अवधि में घर पर तीन चौकीदार राम नरेश, चौहान व राजा राम यादव तैनात थे। इन तीनों की भूमिका संदिग्ध है। इन गार्डों के संबंध में भी जांच की जा रही है।
नौ बार लगाई चेक :
ठगों ने नौ बार चेक लगाई, जिसमें कुछ में एडवाइस न लगाने की वजह से भुगतान नहीं हुआ। चेक संदिग्ध भी दिखे, मगर बैंक ने आगे उन्हीं चेकों में भुगतान कर दिया। यह हैं भुगतान की स्थिति।
1. चेक संख्या 308 से 6 जनवरी को सात लाख रुपये का भुगतान लगाया गया। एडवाइस न होने पर भुगतान रोका। दूसरे दिन फिर चेक लगा और उसमें भी इसी ग्राउंड पर भुगतान नहीं हुआ। 10 व 11 जनवरी को 12-12 लाख रुपये और 14 जनवरी को 24 लाख रुपये का भुगतान कराने की कोशिश की गई, लेकिन एडवाइस न लगी होने के चलते भुगतान नहीं हुआ।
2. 11 जनवरी को चेक संख्या 334 से 48.500 लाख रूपये भुगतान के लिए प्रस्तुत की गयी, जिसका सार्थक वशिष्ठ वीजेराम के पक्ष में भुगतान कर दिया गया। 12 जनवरी को चेक संख्या 323 से 49.800 लाख रूपये का भुगतान उपरोक्त कंपनी के नाम पर किया गया।
3. 15 जनवरी को चेक संख्या 328 से 24 लाख रुपये, 28 जनवरी को चेक संख्या 331 से 19 लाख रुपया और एक फरवरी को चेक संख्या 332 से 40 लाख रुपये का भुगतान सूर्यांश के आइसीआइआइ बैंक खाते में हुआ।
वोडाफोन से पोर्ट कराया सिम नंबर :
सूर्यांश के पास वोडाफोन का मोबाइल सिम था। जांच में सामने आया कि इस नंबर को पोर्ट कराया गया है। इस मोबाइल नम्बर को पोर्ट कराने के लिए मोबाइल नंबर 7846999400 अंकित कराया गया है। जब इस नम्बर को ट्रू कालर में चेक किया गया तो प्रभाकर केए का नाम लिखकर आ रहा है।