क्या कैराना पलायन को फिर मुद्दा बनाने में कामयाब हो जाएगी BJP? जानें सर्वे में क्या बोले लोग
लखनऊ : उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कैराना पलायन को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी हुई है। 2017 में इस मुद्दे पर पश्चिमी यूपी में भगवा लहरा चुकी पार्टी एक बार फिर ‘पलायन’ की याद दिलाकर वोट जुटाने की कोशिश में है।
कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन का गढ़ रहे वेस्ट यूपी में बीजेपी पलायन के सहारे अपने खिलाफ कथित तौर पर उपजे गुस्से को हवा करने की कोशिश में जुटी है। यही वजह है कि खुद गृहमंत्री अमित शाह ने कैराना जाकर पलायन पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी एक बार फिर कैराना पलायन को चुनाव का मुद्दा बनाने में सफल हो जाएगी और इसका उसे फायदा होगा? सीवोटर की ओर से किए गए सर्वे के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी का प्रयास सफल हो सकता है।
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या कैराना पलायन यूपी चुनाव में मुद्दा बनेगा? इसके जवाब में 45 फीसदी ने ‘हां’ कहा तो 27 फीसदी का जवाब ‘नहीं’ था। वहीं 28 फीसदी लोगों ने ‘पता नहीं’ विकल्प चुना।
सपा गठबंधन में रार का होगा नुकसान?
अखिलेश गठबंधन में टिकटों पर टकराव। पश्चिमी यूपी की दो सीटों में ठनी। बिजनौर में एसपी और रालोद दोनों दलों के उम्मीदवार उतर गए हैं। मेरठ की सिवालखास सीट पर भी दोनों दलों में टकराव है। मांट सीट पर भी झगड़ा था, लेकिन अखिलेश यादव ने सुलझा लेने का दावा किया है।
वहीं हरदोई की संडीला सीट पर भी सपा और सुभासपा दोनों दलों के उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं। गठबंधन में टकराव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में 53 फीसदी ने कहा कि हां इसका गठबंधन को नुकसान होगा। वहीं 30 फीसदी इससे सहमत नहीं है। 17 फीसदी लोगों ने ‘पता नहीं’ विकल्प चुना।