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Yogi Government 2.0 : ब्रजेश पाठक समेत इन मंत्रियों का हुआ प्रमोशन, कानून मंत्री से उप मुख्यमंत्री के पद पर लगाई बड़ी छलांग

जमील असकरी

लखनऊ । योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल की मंत्रिपरिषद में पहली सरकार का कामकाज पैमाना बना। कई मंत्रियों को पदावनत करने की जगह उन्हें सीधे बाहर का रास्ता दिखाया गया। वहीं, पिछली सरकार में कानून मंत्री रहे ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा उपहार दिया गया है। पिछले निजाम में राज्यमंत्री का जिम्मा संभालने वालों में से कई को पदोन्नत कर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। साथ ही मंत्रिपरिषद में हर स्तर पर नए चेहरों पर विश्वास जताया गया है।

चुनाव जीतने के बाद भी पिछली सरकार के कई मंत्री नई मंत्रिपरिषद में जहां जगह नहीं बना पाए, वहीं कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री का पद बरकरार रखने में सफल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पहले कार्यकाल में ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप लगे। उस समय विरोधियों पर पलटवार करने और ब्राह्मणों को साधने में ब्रजेश पाठक आगे रहे। इसके अलावा हर मौके पर डटकर सरकार के साथ खड़े हुए और तेजतर्रार मंत्री की छवि बनाने का उन्हें लाभ मिला है। कोरोना काल में भी उनकी भूमिका की सराहना हुई।

इसी तरह पिछली सरकार में राज्यमंत्री रहे गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, गुलाब देवी और संदीप ङ्क्षसह को पदोन्नत करके राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। वहीं, कपिलदेव अग्रवाल, रवींद्र जायसवाल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने रहने में सफल रहे। इसके अलावा दिनेश खटीक, बलदेव सिंह ओलख, अजीत पाल व मनोहर लाल मन्नू कोरी इस बार राज्यमंत्री पद पर कायम हैं।

पहली बार में ही बने मंत्रीः विधान सभा चुनाव में पहली बार जीतकर आए या पहली बार विधान परिषद सदस्य बने कई चेहरे इस मायने में सौभाग्यशाली रहे कि उन्हें मंत्री बनाया गया। कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने वाली बेबी रानी मौर्य भले ही आगरा नगर निगम की महापौर रही हों लेकिन आगरा दक्षिण सीट से वह पहली बार विधान सभा चुनाव लड़ीं और जीत गईं। कैबिनेट मंत्री का ओहदा पाने वाले तीन और चेहरे पहली बार विधान परिषद सदस्य बने हैं। इनमें केंद्र सरकार में सचिव के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद एमएलसी बनाये गए अरविंद कुमार शर्मा शामिल हैं।

हालांकि, उन्हें पिछली योगी सरकार में भी मंत्री बनाये जाने की चर्चा थी। कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने वाले अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी पहली बार के एमएलसी हैं। भारतीय पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर पहली बार चुनावी दंगल में उतरे असीम अरुण को कन्नौज सीट जीतने पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। तिदवारी सीट से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए रामकेश निषाद को राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया है। देवरिया की सलेमपुर सीट से जीतकर पहली बार विधान सभा पहुंचीं विजयलक्ष्मी गौतम को भी मंत्रिपरिषद में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।

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