UP : गफलत में रहे किसान नेता राकेश टिकैत, मोदी सरकार के खिलाफ बयान पड़े भारी; अपनों ने दिखा दी औकात
नई दिल्ली । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर एक साल से भी अधिक समय तक चले किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अब अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान लगातर अराजनैतिक होने का दावा करने के बावजूद राकेश टिकैत के योगी और मोदी सरकार के खिलाफ बयानों ने राकेश टिकैत को अर्श से फर्श पर पटक दिया। कुलमिलाकर देश के बड़े किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती पर भारतीय किसान यूनियन बट गया। इसके बटने के पीछे राकेश टिकैत के बेतुके बयानों और कृत्यों का माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में खुलकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ राजनीति करना राकेश और नरेश टिकैत को भारी पड़ गया। पिछले डेढ़ साल के दौरान राकेश टिकैत ने जिस तरह से योगी और मोदी सरकार के खिलाफ बयान दिए, उसने फायदे से ज्यादा नुकसान करा दिया। यही वजह है कि राकेश टिकैत के करीबियों-सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ते हुए नए किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया है। इस संगठन में सबसे बड़ी गठवाला खाप के चौधरी को चेयरमैन और राष्ट्रीय संरक्षक बनाया गया है।
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में खुलकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ राजनीति करना राकेश और नरेश टिकैत को भारी पड़ गया। पिछले डेढ़ साल के दौरान राकेश टिकैत ने जिस तरह से योगी और मोदी सरकार के खिलाफ बयान दिए, उसने फायदे से ज्यादा नुकसान करा दिया। यही वजह है कि राकेश टिकैत के करीबियों-सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ते हुए नए किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया है। इस संगठन में सबसे बड़ी गठवाला खाप के चौधरी को चेयरमैन और राष्ट्रीय संरक्षक बनाया गया है।
आपस में नहीं रहा भरोसा
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से भी अधिक समय तक चले किसान आंदोलन के दौरान भाकियू के पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई थीं। लोगों ने जिम्मेदारियां निभाई भी, लेकिन सभी को शक की निगाह से देखा गया। दरअसल, राकेश टिकैत के आगे कोई उभर नहीं पाया। खासकर यूपी गेट पर सिर्फ राकेश टिकैत का ही हुकुम चलता था। उनका कहना है कि सत्य वचन माना जाता था।
आपस में लड़ते रहे पदाधिकारी, चुप्पी साधकर राकेश टिकैत ने दिया बढ़ावा
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर गाजीपुर पर जारी प्रदर्शन राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के करीबी शमशेर राणा ने अपने ही संगठन के नेता धर्मेंद्र मलिक पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था। उधर, लिखित शिकायत मिलने पर गाजियाबाद पुलिस ने शमशेर राणा की तहरीर स्वीकार कर ली थी। बावजूद इसके राकेश टिकैत ने झगड़ा सुलझाने की कोशिश नहीं की।