Uttar Pradesh

UP Election Result 2022 : कांग्रेस की ‘मॉडल’ प्रत्याशी के खूब हुए चर्चे, जानें अर्चना गौतम को कितने मिले वोट

UP Election Result 2022 : उत्तर प्रदेश में गुरुवार को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के क्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लगातार दूसरी बार चुनावी जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। वहीं, कांग्रेस को मात्र 2 सीटों से संतोष करना पड़ा है। इस यूपी चुनाव में कांग्रेस के ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे की भी हवा निकल गई। कांग्रेस ने इस चुनाव को महिलाओं पर केंद्रित करने की कोशिश करते हुए बड़ी संख्या में महिलाओं को टिकट दिए थे, लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिली।

दिलचस्प बात यह है कि हस्तिनापुर सीट (Hastinapur Seat) से कांग्रेस की ‘मॉडल’ प्रत्याशी अर्चना गौतम (Archana Gautam) पांचवें नंबर पर रहीं और उन्हें एआईएमआईएम प्रत्याशी से भी कम वोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों में से मात्र एक अराधना मिश्रा (मोना ही) अपनी सीट बचा पाने में कामयाब रही हैं।

वह रामपुर खास सीट से विधायक हैं। हस्तिनापुर सीट से कांग्रेस की मॉडल उम्मीदवार अर्चना गौतम को महज 1519 वोट मिले हैं, जिनमें से 19 वोट पोस्टल बैलेट से प्राप्त हुए हैं, जबकि 1500 वोट ईवीएम से डाले गए हैं। हस्तिनापुर सीट से भाजपा प्रत्याशी दिनेश 107587 वोटों के साथ विजयी रहे हैं, जबकि सपा के उम्मीदवार योगेश वर्मा 100275 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे।

बसपा उम्मीदवार संजीव कुमार 14240 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। यहां एआईएमआईएम के उम्मीदवार विनोद कुमार पर कांग्रेस प्रत्याशी पर भारी पड़ गए और 4290 वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे।भाजपा ने लगातार दोबारा जीतकर रचा इतिहास उत्तर प्रदेश में सभी 403 सीटों में से भाजपा ने 255 सीटें जीतकर बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) 111 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है। भाजपा ने सरकार बनाने के लिए सहयोगियों समेत 273 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि 2017 के चुनाव में भाजपा को 312 सीट मिली थीं, जबकि सपा को 47, बसपा को 19 और कांग्रेस को सात सीटें मिली थीं। नफा नुकसान के लिहाज से देखा जाए तो भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में लगभग 57 सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि सपा अपने पुराने रिपोर्ट कार्ड को बेहतर कर सीटों की संख्या दोगुनी से अधिक करने में कामयाब रही है। इससे इतर बसपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी सियासी जमीन लगभग पूरी तरह से गंवा दी है। बसपा इस चुनाव में 19 से 1 पर और कांग्रेस 7 से 2 सीटों पर आ गई है।

उत्तर प्रदेश में भाजपा ने सत्ता संचालन से जुड़े तमाम मिथकों को एक एक कर तोड़ने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में चुनाव लड़ा था। वह भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। भाजपा ने 37 साल बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का रिकॉर्ड कायम किया है।

इससे पहले 1985 में कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी दोबारा मुख्यमंत्री भी बने थे। इसके बाद किसी अन्य दल की दोबारा सत्ता में वापसी नहीं होने के कारण यह मिथक गढ़ दिया गया था कि यूपी में कोई सत्ताधारी दल दोबारा चुनाव नहीं जीत सकता है।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी उत्तर प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री के नोएडा नहीं जाने का भी मिथक तोड़ चुके हैं। उन्होंने लगभग पांच दशक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पांच साल के अपने कार्यकाल में कम से कम दस बार नोएडा का दौरा किया। ऐसा माना जाता था कि उत्तर प्रदेश में किसी मुख्यमंत्री के नोएडा जाने पर उसकी सरकार गिर जाती है।

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