UP Election 2022: मुस्लिम फैक्टर भाजपा की राह करेगा आसान? खराब सड़कें, लावारिस पशु, मंहगाई जैसे मुद्दे बड़ी चुनौती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से सटे हुए जौनपुर जिले की मुस्लिम बहुल सीट जौनपुर सदर पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव में मुसलमान उम्मीदवार खड़े किए हैं, ऐसे में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को वोट बंटने से विधानसभा तक पहुंचने की राह आसान होने की उम्मीद है।
हालांकि खराब सड़कें, शहर में रोजाना लगने वाला भयंकर जाम , मंहगाई, बेरोजगारी और लावारिस पशु जैसे अनेक मुद्दे भाजपा के मौजूदा विधायक गिरीश यादव के लिए परेशानी का सबब भी बन सकते हैं। जौनपुर सदर सीट पर आखिरी चरण में सात मार्च को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक और योगी सरकार में मंत्री गिरीश यादव पर एक बार फिर भरोसा जता कर उन्हें मैदान में उतारा हैं।
तीन प्रमुख दलों में सपा ने मोहम्मद अरशद खान, बसपा ने सलीम खान एवं कांग्रेस ने नदीम जावेद को उम्मीदवार बनाया है। नदीम जावेद 2012 में इसी सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं और 2017 के चुनाव में वह सपा और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे, लेकिन भाजपा के गिरीश से चुनाव हार गये थे।
भाजपा के वर्तमान विधायक यादव भाजपा के विकास कार्यों और मुस्लिम वोटों के बंटने की आस से अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। वहीं सपा के मोहम्मद अरशद खान जो 1993 में इसी क्षेत्र से सपा बसपा गठबंधन से विधायक रह चुके हैं,उन्होंने अपने शुभचिंतकों और मुस्लिम यादव गठजोड़ के आधार पर जीत का भरोसा जताया है।
बसपा के सलीम खान इस क्षेत्र में अपने परंपरागत दलित वोट और मुसलमान को एकजुट कर अपनी लड़ाई को धार देने में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस के नदीम जावेद को भरोसा है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा का महिलाओं के लिए दिया गया नारा लड़की हूं लड़ सकती हूं उन्हें महिलाओं का वोट दिलायेगा साथ ही शहर के सभी वर्गों के शिक्षित और युवा उन्हें एक बार फिर से विधायक बनाएंगे।
जौनपुर जिला वाराणसी से लगा हुआ है। जौनपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में साढे तीन लाख से अधिक मतदाता हैं जिसमें मुस्लिम मतदाताओं की संख्या नब्बे हजार से अधिक है। मुस्लिम मतदाताओं के बाद इस क्षेत्र में वैश्य, मौर्य के साथ क्षत्रिय मतदाताओं की अच्छी संख्या है।
शहर के व्यावसायी इकबाल अहमद ने बताया कि भाजपा को भय है कि कहीं सन 1996 में बने समीकरण फिर से न बन जाएं। उस चुनाव में सपा से अफजाल अहमद और बसपा से हाजी मोहम्मद तौफीक खड़े थे। तब भाजपा ने सुरेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया था और पार्टी को हिंदू वोटों के सहारे जीत की आस थी,लेकिन परिणाम उल्टा हुआ और अफजाल अहमद जीत गए।
जौनपुर शहर के विजय यादव कहते हैं कि वह यादव होने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे। उन्होंने कहा, हम भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे। क्योंकि हमारे परिवार में कई लोग सरकारी नौकरी में हैं और समाजवादी पार्टी ने पुरानी पेंशन व्यवस्था वापस लाने का वादा किया है, अगर यह हो जाता है तो हमारे परिवार का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
इसलिए हमारे पूरे परिवार का वोट समाजवादी पार्टी को जाएगा। शहर के मुख्य बाजार में बैटरी का कारोबार करने वाले सादिक खान कहते हैं कि भाजपा सरकार में छोटे व्यापारियों का कारोबार बिल्कुल ठप हो गया है ।
उन्होंने कहा,”कोरोना काल में हमारा कारोबार चौपट हो गया है और जीएसटी के कारण तो हमें अब अपनी दुकान बंद करने के बारे में सोचना पड़ रहा है। हमारा पूरा परिवार और दोस्त सब समाजवादी पार्टी को वोट देंगे। चहारसू चौराहे पर चाय नाश्ते का होटल चलाने वाले राम जी मोदनवाल प्रदेश सरकार के कामकाज से बहुत खुश हैं।
वह कहते हैं कि कानून व्यवस्था बेहतर होने से उन्हें अपना कारोबार चलाने में बहुत आसानी होती है, इसके अलावा बिजली चौबीस घंटे आती है। उन्होंने कहा कि बस शहर की सड़कें थोड़ी खराब हैं जिसकी वजह से जाम की समस्या काफी रहती है, जो कारोबार पर असर डालती है। वहीं शहर के ऊर्दू बाजार में रहने वाली प्रीति गुप्ता,ओलंदगंज में रहने वाली रानी तिवारी और जिला अस्पताल में काउंसलर सीमा सिंह प्रदेश की बेहतर कानून व्यवस्था के कारण भाजपा को वोट देने का मन बना चुकी हैं।
प्रीति कहती हैं कि अब शाम को घर से अकेले निकलने में डर नहीं लगता है, क्योंकि प्रदेश में काननू व्यवस्था पहले से बेहतर है। सीमा कहती हैं कि महिलाओं के लिए सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है बस थोड़ी महंगाई कम हो जाए तो और भी बेहतर है। महंगाई की बात रानी भी उठाती हैं, वह कहती हैं कि मंहगाई के कारण महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ गया है।
भाजपा प्रत्याशी और योगी सरकार में मंत्री गिरीश यादव ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में शहर के लिए कई विकास के काम किए, जिसमें शहर में सीवर का काम, शहर के बाहर रिंग रोड की योजना पर काम, शहर के सौंदर्यीकरण आदि के काम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में जनता के राशन कार्ड बनवाने और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को मकान दिलाने का भी काम किया गया है।
वह कहते हैं कि इस बार चुनाव जीतने पर वह शहर में लगने वाले जाम को दूर करने के लिए फ्लाईओवर बनवाने का काम करेंगे, इसके अलावा जौनपुर शाहगंज और आम्बेडकर नगर के बीच फोर लेन सड़क के निर्माण कार्य में तेजी लाएंगे।
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अरशद खान कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद वह क्षेत्र की सभी पंचायतों में छात्र छात्राओं के लिए स्कूल खोलेंगे ताकि उन्हें पढ़ने के लिए शहर में न जाना पड़े । इसके अलावा पार्टी द्वारा घोषित की गयी समाजवादी पेंशन, फ्री राशन आदि सुविधाओं को सरकार बनने के बाद जल्द से जल्द अपने क्षेत्र में लागू करेंगे।
कांग्रेस प्रत्याशी नदीम जावेद ने पीटीआई-भाषा को बताया, जौनपुर की सबसे बड़ी समस्या रोजगार के लिए युवाओं का पलायन है। यहां के युवा रोजगार के लिए हर साल मुंबई, दिल्ली जैसे शहरों को भागते हैं।
हम कोशिश करेंगे कि जौनपुर में ही युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करायें ताकि उन्हें कहीं जाना न पड़े। पेशे से बिल्डर बसपा के प्रत्याशी सलीम खान कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल में पूरे प्रदेश का विकास किया है और इस बार भी उनके मुख्यमंत्री बनने पर जौनपुर के साथ साथ पूरे प्रदेश का विकास होगा।