UP Chunav: पहले अखिलेश ने रोका था, अब CM बनकर झांसी के इस प्राचीन मंदिर से चुनावी माहौल जमाने आ रहे हैं योगी
झांसी. झांसी का प्राचीन मड़िया महादेव मंदिर (Madiya Mahadev Temple) एक बार फिर चर्चा में है. विधानसभा चुनाव के बीच इसकी चर्चा इसलिए है क्योंकि यहां सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) आ रहे हैं. सीएम योगी यहां बुधवार शाम 5 बजे मंदिर में दर्शन के साथ रोड शो की शुरुआत करेंगे.
इस मंदिर में करीब 8 साल पहले जब योगी आदित्यनाथ ने दर्शन करने की घोषणा की थी तो तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने उन्हें रोकने के लिए पूरा तंत्र दौड़ा दिया था. योगी आदित्यनाथ को कानपुर के पास रोक दिया गया. इसके पीछे इस मंदिर को लेकर बनने वाले सांप्रदायिक तनाव की पूरी कहानी जुड़ी रही है, जिसे सौहार्द के साथ ही सुलझा दिया गया.
बुंदेलखंड की जिन सीटों पर तीसरे चरण में वोटिंग होनी है, वहां भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ झांसी पहुंच रहे हैं जो यहीं रात्रि प्रवास भी करेंगे. जो कार्यक्रम जारी किया गया उसके मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को झांसी पहुंचेंगे और शाम 5:20 बजे मड़िया महादेव मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे.
इसके साथ ही वहां से रोड शो की शुरुआत करेंगे. सीएम योगी का रोड शो सिद्धेश्वर मंदिर तक चलेगा. इसको लेकर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं.रोड शो के बाद सीएम योगी झांसी में ही रात्रि विश्राम करेंगे. वह गुरुवार को सुबह 11:30 बजे विधानसभा के बबीना में राजीव सिंह और दोपहर 12:35 गरौठा विधानसभा के गुरसरांय में जवाहर लाल राजपूत के समर्थन में जनसभा करेंगे.
यह था पुराना विवाद
प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण यहां के गुसाइयों के द्वारा 600 साल पहले कराया गया था. इसके चारों तरफ बनी माडिय़ों में कुछ मुस्लिम परिवार पिछली तीन पीढिय़ों से रह रहे थे. महारानी लक्ष्मीबाई और उनके सेनापति गुलाम गौस खां की कोशिशों से कायम हुई कौमी एकता अब तक चली आ रही थी.
इस मंदिर का रकवा राजस्व अभिलेखों में करीब 16 एकड़ बताया गया है. लेकिन अब वहां सिर्फ मंदिर ही है. आजादी के समय जब देश का विभाजन हुआ तो बंटवारे की भगदड़ में कुछ हिंदू परिवारों ने अपने मुस्लिम दोस्तों को मंदिर में शरण देकर उन्हें रोक लिया था. इसके बाद मुस्लिम परिवार मंदिर में ही किराएदार बनकर रहने लगे थे.
तीन पीढ़ी से मंदिर में रह रहे थे मुसलमान
तीन पीढ़ी बाद यहां मढ़ियों में रहने वाले मुस्लिम परिवारों को लेकर सवाल उठने शुरू हुए. हिंदू युवा वाहिनी ने इस पर विरोध शुरू कर दिया. झांसी सदर सीट से विधायक रवि शर्मा ने इस मुद्दे को हवा दी तो ये विवादित होता चला गया. इसी बीच करीब 8 साल पहले यहां शिवरात्रि पर योगी आदित्यनाथ के आने की घोषणा की गई.
इससे तनाव बढ़ गया. पूरा नगर छावनी में बदल दिया गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले को भांपते हुए योगी आदित्यनाथ को झांसी पहुंचने के पहले ही कानपुर में रुकवा दिया. इसके बाद मड़िया महादेव मंदिर शिवरात्रि जैसे पर्वों पर तनाव का कारण बनने लगा.
डीएम अनुराग यादव ने पहल कर खत्म कराया विवाद
मंदिर पर जब विवाद बढ़ने लगा तो झांसी के तत्कालीन डीएम अनुराग यादव ने इस मसले को सुलझाने के लिए पहल शुरू की. हिंदू और मुसलमान दोनों पक्षों से कई दौर कर वार्ता की और उन्हें मना लिया गया. मड़ियों में रहने वाले मुस्लिम परिवारों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें कांशीराम कालोनी में शिफ्ट करा दिया गया. इसके बाद से ही इस मंदिर को लेकर सांप्रदायिक तनाव को हमेशा के लिए टाल दिया गया. सीएम योगी के आने के बाद यह एक बार फिर चर्चा में आ गया है.