UP विधानसभा चुनाव में निष्पक्ष न दिखना DGP मुकुल गोयल को पड़ा भारी! योगी सरकार ने कर दिया ‘आउट’
लखनऊ. योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की बागडोर संभालने वाले DGP मुकुल गोयल (DGP Mukul Goel) को पद से हटा दिया है. बताया जा रहा है कि मुकुल गोयल ने विधानसभा चुनाव में निष्पक्ष न दिखने की वजह से उनपर योगी सरकार ने कार्रवाई की है. सूत्र बताते हैं कि गोयल की हर गतिविधियों पर सरकार की नजर थी. मुकुल गोयल से मिलने वालों और करीबियों पर भी नजर रखी जा रही थी, जिसकी रिपोर्ट समय-समय पर सीएम कार्यालय को दिया जा रहा था.
सूत्रों ने बताया कि DGP मुकुल गोयल के दफ्तर से जिले के कप्तानों को दिए गए इशारों की समीक्षा हुई थी. मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और कार्यों में ढिलाई के चलते हटाया गया है. अब मुकुल गोयल को डीजीपी पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है.
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली, रात-दिन काम, छोटी से छोटी घटना की खबर और उस पर हुई कार्रवाई पर नजर रखना, ये कुछ ऐसी बातें थी, जिनसे मुकुल गोयल कदमताल नहीं कर पाए. यही उनको हटाए जाने की सबसे बड़ी वजह भी बनी है. 1987 बैच के IPS अधिकारी मुकुल यूपी पुलिस के महानिदेशक के तौर पर एक साल भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. दरअसल सीएम की पसंद हमेशा वह अफसर रहे जो मिशन मोड पर काम करते हों. लेकिन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से करीब पांच साल बाद यूपी लौटे मुकुल गोयल सीएम योगी आदित्यनाथ की चाल से कदमताल नहीं कर पाए.
मतगणना से एक दिन पहले अफसरों को किए फोन
यह भी चर्चा है कि विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले कुछ अफसरों को किए गए फोन भी डीजीपी को हटाए जाने की एक बड़ी वजह हैं. मुकुल सपा सरकार में उस दौरान एडीजी एलओ बनाए गए थे, जब पश्चिम यूपी मुजफ्फरनगर दंगे की आग में झुलस रहा था. करीब डेढ़ साल तक वह एडीजी एलओ के पद पर रहे. हालांकि बाद में सपा सरकार ने उन्हें हटाकर दलजीत चौधरी को एडीजी एलओ बना दिया था.
CM योगी की बैठकों में गैर मौजूद
बीते एक महीने के दौरान सीएम योगी के यहां हुई दो प्रमुख बैठकों में डीजीपी की गैरमौजूदगी भी खूब चर्चा का विषय रही. इसे भी डीजीपी के खिलाफ ही देखा गया. इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी थी कि अपराध की बड़ी घटनाओं के बाद जिस तरह से सक्रियता या मौके पर पहुंचने की अपेक्षा थी, उस पर भी वह खरे नहीं उतर रहे थे. इन दो बैठकों के बाद ही डीजीपी की विदाई की चर्चाएं तेज हो गईं थी.