Uttar Pradesh

Ravidas Jayanti: चन्नी, योगी से राहुल-प्रियंका तक, जानें क्यों हर नेता रविदास के दर पर लगा रहा हाजिरी

आज संत रविदास की 645वीं जयंती है। इस मौके पर सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां दिल्ली के रविदास मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की तो वहीं गुरु की जन्‍मस्‍थली वाराणसी में नेताओं का जमघट लगा है। पंजाब के सीएम चन्नी से लेकर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई दिग्गजों ने सीर गोवर्धनपुर का रुख किया है।

पंजाब और यूपी में चुनाव के बीच शायद ही कोई ऐसा दल हो जिसका नेता आज गुरु के दर पर मत्था टेकने ना पहुंचा हो। राजनीतिक जानकार इसे यूपी और पंजाब में दलित वोटर्स को साधने के प्रयास के तौर पर भी देख रहे हैं और यही वजह है कि कोई नेता इसमें पीछे नहीं रहना चाहता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने की पूजा

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार सुबह सीर गोवर्धन में पहुंचकर मत्था टेका। यहां आने से पहले सीएम ने ट्वीट करके कहा, ”आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में भाजपा की डबल इंजन की सरकार उनकी पावन जन्मस्थली के समग्र विकास हेतु पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है।”

आधी रात को ही आ गए चन्नी

पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्‍नी पंजाब में चुनावी व्यस्तता के बीच आधी रात को ही काशी पहुंच गए। उन्होंने तड़के ही गुरु के दर पर मत्था टेका। चन्‍नी सीर गोवर्धन के संत रविदास मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद 7:10 पर पंजाब वापस चले गए।

राहुल, प्रियंका तक पहुंच रहे हैं

गुरु रविदास के प्रति अपनी श्रद्धा जाहिर करने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी पहुंचने वाले हैं। आप नेता संजय सिंह भी बुधवार को यहां पहुंचेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी न्योता भेजा गया है।

लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं वाराणसी

संत रविदास की जयंती पर लाखों श्रद्धालु काशी आ चुके हैं। मंगलवार शाम तक एक लाख से अधिक भक्तों ने मंदिर में मत्था टेका। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी को दर्शन कराने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। दलित वोटर्स को साधने की कोशिश?

दलित समुदाय से छुआछूत को खत्म करने के लिए अथक काम करने वाले संत रविदास के अनुयायियों की पंजाब और यूपी में बड़ी आबादी है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने संत रविदास के जन्मस्थली का राजनीतिक महत्व बढ़ाते हुए 1997 से 2008 के बीच इसे विकसित कराया।

वह मुख्यमंत्री के तौर पर रविदास जंयती में शामिल हुई थीं और सोने की पालकी भेंट की थी। उन्होंने गंगा किनारे रविदास पार्क और घाट का निर्माण कराया। पीएम मोदी 2016 में रविदास जयंती समारोह में शामिल हुए तो योगी 2018 और इसके बाद कई बार यहां आए। राहुल 2011 में आए तो केजरीवाल ने 2016 और अखिलेश यादव ने 2021 में यहां मत्था टेका था।

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