Uttar Pradesh

Lathamar Holi 2022: लठामार होली के लिए बहुओं को तैयार कर रहीं सास, बदल गया बरसाना की नववधुओं का डाइट चार्ट

आगरा, । मथुरा की लठामार होली की बात ही निराली है। कभी टीवी पर लठामार होली देखने वाली बहुएं जब ब्याह कर बरसाना आईं तो खुद होली खेलने को उत्साहित और उल्लासित हैं। हुरियारों पर लठ चलाने का हुनर महिलाएं अपनी अनुभवी सास से सीख रही हैं।

लठामार होली 11 मार्च को है। इसे लेकर घर-घर तैयारियां तेज हो गई हैं। नंदगांव के हुरियारों पर हास-परिहास के बीच बरसाना की हुरियारिन लठ मारती हैं और हुरियारे अपनी ढाल पर उसे रोकते हैं। लठ चलाना भी एक कला है। इसे लेकर बरसाना ब्याह कर आई नई बहुएं अपनी सास से लठ चलाने का हुनर सीख रही हैं। गोवर्धन की रहनेवाली वैशाली गौतम बताती हैं कि बरसाना ब्याह कर आने के बाद ये उनकी पहली होली है।

उन्होंने पहले कई बार बरसाना की लठामार होली को देखा है, लेकिन इस बार खुद इस होली में सहभागिता करेगी। जिसको लेकर बहुत उत्साहित हैं। वह लठ चलाने का हुनर सीख रही हैं। गुजरात के गोधरा की रहने वाली दीपशिखा श्रोत्रिया बताती हैं कि उन्होंने बरसाना की होली को सिर्फ टीवी पर देखा है।

लेकिन इस बार खुद होली खेलने का सौभाग्य मिला है। वैसे तो मेने आज तक कभी हाथ में लठ नहीं उठाया, पर इस बार चलाना है। जिसको लेकर मैं बहुत ही उत्साहित हूं। अपनी सासू मां से लठ चलाने का अनुभव सीख रही हूं। अलीगढ़ के खैर की रहने वाली निधि कटारा बताती है कि यह उसकी तीसरी होली है। पहली बार लठ जब हाथ में लिया था, तो बहुत अजीब लगा, लेकिन अब खुशी जाहिर होती है कि हम राधाकृष्ण के लीलाओं में अपना योगदान देते है।

राजस्थान के कांमा की रहने वाली अंजली श्रोत्रिया बताती हैं कि यह उसकी दूसरी होली है। हम बड़े सौभाग्यशाली है कि बरसाना में हमारी ससुराल है। जबकि यहां की लठामार होली सबसे अलग व अनोखी है। जब पहली बार मैं हुरियारों पर लठ बरसा रही थीं, तो अजीब सा लग रहा था, लेकिन अचानक आनंद की अनुभूति होने लगी। बस फिर क्या जमकर होली खेलीबादाम और दूध का सेवन

लठ भांजने के लिए महिलाओं को शारीरिक रूप से भी मजबूत किया जा रहा है। उन्हें बादाम और दूध भी पीने को दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि उससे उनके अंदर लठ चलाने के लिए ताकत आएगी।

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