Holi 2022: रंगों के साथ कई शुभ योग लेकर आएगा होली का त्योहार, जानिए शुभ मुहूर्त
लखनऊ: हिंदुओं का प्रमुख त्योहार होली है. जिसका इंतजार बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को रहता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन लोग अपने सारे गिले- सिकवे भूल कर बस होली के रंगों में सराबोर हो जाना चाहते हैं. रंगों के इस पर्व को लेकर अलग-अलग मान्यतायें भी है. होली से पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है, जिसके दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. होलाष्टक के बाद फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को रंग-गुलाल के साथ होली मनाई जाती है.
इस साल कब है होली-
इस साल होलिका दहन 17 मार्च को होगा और फिर होली 18 मार्च को मनाई जाएगी. बता दें, होली से ठीक 8 दिन पहले 10 मार्च से होलाष्टक प्रारम्भ हो जाएगा. होलाष्टक कि शुरुआत के साथ ही शुभ कार्यों के आयोजन पर भी कुछ समय के लिए रोक लग जाएगी.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 06 मिनट से 10:16 मिनट तक रहेगा. इस बार होलिका दहन के लिए 1 घंटे का समय रहेगा. जिसमें होलिका दहन करना शुभ माना जाएगा.
शुभ योग लेकर आएगी होली
इस बार की होली में रंगों के साथ कई शुभ योग भी बनने जा रहे हैं . वृद्धि योग, अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्रुव योग बनने से आपकी होली और अधिक खास बन जाएगी. वृद्धि योग में आपके किए गए काम लाभ देंगे. विशेष तौर पर व्यापार के लिए यह योग बहुत लाभदायी माना गया है. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य पुण्य देते हैं, तो वहीं ध्रुव योग का बनना कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करता है.
पौराणिक कथा
होली के त्यौहार की सबसे पुरानी और प्रचलित कथाओं में एक है हिरण्यकश्यप और भक्त प्रह्लाद की कथा. प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन यह बात उसके पिता हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं थी. प्रह्लाद को भक्ति से दूर करने के लिए हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका को सौंपा, जिसके पास वरदान था कि अग्नि उसके शरीर को जला नहीं सकती.
प्रह्लाद को मारने के लिए होलिका अग्नि में कूद गई. जिसमें प्रह्लाद को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन होलिका खुद ही आग में जल गई. इसके बाद से होलिका दहन के अगले दिन होली मनाने की शुरुआत हुई.