BSP ने सांसद रितेश पांडेय का कद घटा दिया, पिता के सपा से विधायक बनते ही संसदीय दल का नेता पद छिना
अंबेडकरनगर। विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आते ही बहुजन समाज पार्टी ने सांसद रितेश पांडेय का कद घटा दिया है। चुनाव से ठीक पहले उनके पिता राकेश पांडेय के बसपा छोड़ सपा का दामन थामने और जलालपुर सीट से विधायक चुने जाने को इसके पीछे का प्रमुख कारण माना जा रहा है। पिता के सपा में शामिल होने के बाद से ही रितेश पर इस तरह की कार्रवाई की आशंका जताई जा रही थी। अब बसपा प्रमुख मायावती ने सांसद रितेश पांडेय को लोकसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटाते हुए बिजनौर जिले की नगीना सीट से सांसद गिरीश चंद्र जाटव को यह जिम्मेदारी सौंप दी है।
बसपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रितेश पांडेय को जलालपुर सीट से टिकट देकर विधायक बनाया था। इसके दो साल बाद 2019 के आम चुनाव में पार्टी ने रितेश को अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। रितेश चुनाव जीतने में कामयाब रहे और बसपा संसदीय दल का नेता बने। इससे पहले उनके पिता राकेश पांडेय भी बसपा के टिकट पर सन 2009 में अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे, लेकिन उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा छोड़ साइकिल की सवारी कर ली।
इस चुनाव में सांसद रितेश पांडेय ने खुलकर अपने पिता के पक्ष में प्रचार तो नहीं किया, लेकिन वह बसपा प्रत्याशी के समर्थन में भी नहीं उतरे। इसकी गूंज बसपा मुखिया तक सुनाई दी। कभी बसपा के गढ़ के रूप में प्रसिद्ध रहे अंबेडकरनगर जिले की पांचों विधानसभा सीटों में एक पर भी पार्टी का खाता न खुलने की कीमत सांसद रितेश पांडेय को संसदीय दल का नेता का पद गंवाकर चुकानी पड़ी। कई मंडलों के क्वार्डीनेटर घनश्याम चंद्र खरवार ने बताया कि यह बहनजी का फैसला है, किन कारणों से ऐसा किया गया, यह कह पाना मुश्किल है।