Uttar Pradesh

UP : 5 हजार की तनख्वाह पाने वाला नगर निगम का पूर्व कर्मचारी बना 238 करोड़ का मालिक? जानें यह सनसनीखेज मामला

आगरा: आगरा नगर निगम (Agra Nagar Nigam) के एक पूर्व आउटसोर्सिंग कर्मचारी को पांच हजार रुपए प्रति महीने तनख्वाह मिलती थी, मगर आज की तारीख में वह 238 करोड़ का मालिक बन बैठा है. पांच हजार की तन्ख्वाह पाने वाले नगर निगम के पूर्व संविदा कर्मचारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. कर्मचारी के खिलाफ कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई है, लेकिन कार्रवाई की फाइलें विभागों में धूल फांक रही हैं.

यह आरोप सपोर्ट इंडिया सोसायटी के अध्यक्ष व आगरा के अधिवक्ता सुरेश चंद सोनी ने लगाए हैं. उनका कहना है कि नगर निगम के पूर्व संविदा कर्मचारी राकेश बंसल सिकंदरा के राधा नगर कॉलोनी के निवासी हैं. वह करीब 2008 में नगर निगम में आउटसोर्सिंग कर्मचारी के रूप के लगा था, जिसको पांच हजार रुपए प्रति महीने की तनख्वाह मिलती थी और जब उसको भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर हटाया गया तो तब उसकी तनख्वाह 19 हजार रुपए थी, लेकिन नगर निगम में काम करते हुए राकेश बंसल ने अब तक करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है.

आगरा समेत अन्य जिलों में है संपत्ति

अधिवक्ता सुरेश चंद सोनी ने प्रेसवार्ता के माध्यम से बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा में नगर निगम के आउटसोर्सिंग कर्मचारी राकेश बंसल ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है. कर्मचारी के खिलाफ कई बार शिकायतें भी की गईं, लेकिन कार्रवाई की फाइलें विभागों में धूल फांकती रहीं. उन्होंने कहा कि उक्त कर्मचारी की सेटिंग ऐसी है कि अपने खिलाफ कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ने देता है. यही नहीं, कर्मचारी की आगरा समेत अन्य जिलों में दर्जनों संपत्तियां हैं. इसके अलावा तमाम लग्जरी गाड़ियां भी हैं.

साल 2008 में नगर निगम में हुई थी नियुक्ति

राकेश बंसल वर्ष 2008 में नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर तैनात हुआ था. वर्ष 2020 तक राकेश बंसल नगर निगम में नगरायुक्त के वैयक्तिक सहायक के पद पर आसीन रहा, लेकिन लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद वर्तमान नगरायुक्त निखिल टीकाराम फुंदे ने उसे पद से हटा दिया. इसी के साथ ही राकेश बंसल के भ्रष्टाचार को लेकर कई बार शासन तक शिकायतें भेजी गई हैं.

दो साल से जांच पड़ी ठंडे बस्ते में

अधिवक्ता ने कहा कि हटाते समय राकेश बंसल की तनख्वाह 19 हजार रुपये थी. इसके बावजूद उसने भ्रष्टाचार करते हुए 238 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्तियां बनाई हैं. दो साल से जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है. आरोपी के पास दस से अधिक प्लॉट, नोएडा में मॉल, तीन गाड़ियां, रायफल व अन्य संपत्तियां हैं.

परिवारजनों के नाम पर खरीदी है संपत्ति

अधिवक्ता सुरेश चंद सोनी का कहना है कि राकेश बंसल ने अपनी पत्नी रिचा बंसल, मां सुशीला बंसल, भाई उमेश बंसल के नाम पर दर्जनों प्रॉपर्टीज खरीदी हैं. राकेश बंसल ने आगरा में कई क्षेत्रों में करोड़ों की भूमि खरीद रखी हैं. अपने को बचाने के लिए राकेश बंसल ने अपने नाम पर कम और परिवारीजनों के नाम पर ज्यादा संपत्ति खरीदी है, जिससे कि किसी को कोई शक न हो सके.

चहेतों को दिलवाए पार्किंग और विज्ञापन के ठेके

सपोर्ट इंडिया के अध्यक्ष व अधिवक्ता सुरेश चंद सोनी ने बताया कि राकेश बंसल के पिता सुरेश बंसल चाट की ठेल लगाते थे. किसी तरह नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर नौकरी पा ली. इसके बाद अधिकारियों के कृपा पात्र बन गए. पार्किंग और विज्ञापन के ठेके अपने चहेतों को दिलवाए. इसके एवज में कमीशन सेट कर लिया. इस दौरान राकेश बंसल ने करोड़ों रुपये कमाए.

यही नहीं उसने होटलों और रेस्टोरेंट संचालकों से भी अवैध वसूली की. उन्होंने आरोप लगाया कि न्यू चिनार इलेक्ट्रोस्टेट नाम से फर्म भी रजिस्टर्ड है, जिसके कई डायरेक्टर हैं. इस फर्म में अवैध रूप से भुगतान कराया गया. गड़बड़ियों की शिकायतें मिलने पर राकेश बंसल को कई बार हटाया भी गया है, लेकिन अपनी सेटिंग से वह फिर वापस हो जाता था.

कैमरे के सामने बोलने से किया इनकार

इन बारे में जब टीम ने नगर निगम के पूर्व कर्मचारी राकेश बंसल से बात करना चाही तो पहले तो फ़ोन पर उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में बात करेंगे. फिर उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से साफ इनकार कर दिया.

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