मुलायम नहीं करना चाहते थे अखिलेश के लिए प्रचार; जबरदस्ती उतारा, करहल में वोटिंग से पहले बघेल का दावा
यूपी के चुनावी रण में सपा-भाजपा की जुबानी जंग दिन पर दिन तेज होती जा रही है। दो दिन पहले सपा की जनसभा में करहल पहुंचे मुलायम सिंह यादव को लेकर भाजपा अखिलेश यादव पर लगातार निशाना साध रही है। सीएम योगी के बाद अब करहल सीट से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल ने भी अखिलेश यादव की कड़ी आलोचना की।
रविवार को होने वाली तीसरे चरण की वोटिंग से पहले से बघेल ने कहा कि सपा प्रमुख को चुनाव हारने का डर है। करहल में सपा की जनसभा में पहुंचे मुलायम सिंह यादव को लेकर बघेल बोले, करहल निर्वाचन क्षेत्र से सपा प्रत्याशी अखिलेश के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को प्रचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एएनआई से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा, मुलायम सिंह यादव उनके खिलाफ बोल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि सपा संरक्षक अब भी उनसे प्यार करते हैं। उन्होंने दावा किया ‘मुलायम सिंह यादव यहां अकेले नहीं आए, बल्कि उन्हें प्रचार करने के लिए मजबूर किया गया। उन्हें कमजोर निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करना चाहिए था।
सपा प्रमुख पर हमलावर हुए बघेल बोले, आमतौर पर बच्चा अपने बुढ़ापे में माता-पिता का सहारा होता है, लेकिन अखिलेश पहला बच्चा है जो बीमार पिता से करहल में नुकसान से बचने के लिए मदद मांग रहा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश डूबते जहाज के कप्तान हैं और पूर्व कप्तान से मदद मांग रहे हैं।
बघेल ने कहा कि अखिलेश ने खुद करहल की सीट चुनी है और हार की ओर बढ़ रहे हैं, जो बताता है कि पूरा यादव परिवार चुनाव प्रचार के लिए क्यों आया था। उन्होंने कहा, ‘नेताजी (मुलायम सिंह) ने कभी अखिलेश का नाम नहीं लिया और न ही वोट मांगा। वह मेरे खिलाफ बोल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
Mulayam Singh Yadav did not come to Karhal willingly, he was forcefully brought there for campaigning. If he was the guardian of SP then he would have also campaigned for other weaker candidates but he isn't doing that: Union Minister & BJP candidate from Karhal SP Singh Baghel pic.twitter.com/jE2ZFdDtCX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 19, 2022
वह अपने ही शिष्य पर हमला कर सकते थे लेकिन वह टाल गए क्योंकि यह इस बात का संकेत है कि मुलायम अब भी मुझसे प्यार करते हैं। मुलायम के पुत्र बनाम शिष्य के बीच करहल की सीट की प्रतियोगिता की तुलना करते हुए, बघेल ने महाभारत से एक सादृश्य लिया और कहा, हमारे पास हमेशा एक गुरु-शिष्य परंपरा थी, द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वष्ठमा थे और अर्जुन एक शिष्य थे।
अर्जुन धर्म के लिए लड़ रहे थे और अश्वष्ठमा गलत पक्ष में थे लेकिन द्रोणाचार्य हमेशा अर्जुन के लिए अच्छे की कामना करते थे। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने एक चुनावी रैली में पहली बार उपस्थिति दर्ज कराते हुए गुरुवार को अपने बेटे अखिलेश यादव के लिए वोट मांगा था और वादा किया था कि उनकी पार्टी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। सपा मुखिया ने कहा कि लोग चाहते हैं कि गरीबी और बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो और इन मुद्दों पर उनकी पार्टी की नीतियां बिल्कुल स्पष्ट हैं।