मुख्तार अंसारी के जेल से ही नामांकन का रास्ता साफ, सपा के सहयोगी राजभर ने दिया है टिकट
मऊ : बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के जेल से ही नामांकन करने और चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्तार की तरफ से विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए दिनेश चौरसिया की अदालत में लगाई गई अर्जी को स्वीकार कर लिया गया है।
अदालत ने बांदा जेल के अधीक्षक को निर्देशित किया कि वह जेल मैनुअल के प्रावधानों और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत मुख्तार अंसारी की नामांकन प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
मुख्तार अंसारी मऊ सदर सीट से लगातार विधायक बनते रहे हैं। पिछली बार बसपा से मुख्तार विधायक बने थे। इस बार उन्हें सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा ने टिकट दिया है। फिलहाल भाजपा की तरफ से इस सीट पर अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है।
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने मंगलवार को विशेष न्यायधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर नामांकन प्रकिया पूरी कराने का आग्रह किया था। अधिवक्ता ने अपने प्रार्थना पत्र में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के नामांकन के लिए उनसे मिलने की इजाजत मांगी थी।
प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि मुख्तार अंसारी के नामांकन के लिए उनके अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावक और फोटोग्राफर सहित कुल 22 लोगों के बांदा जेल में दाखिल होने की अनुमति मांगी गई थी। कहा गया था कि मुख्तार अंसारी का दो सेट में नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर और उसका सत्यापन बांदा जेल अधीक्षक द्वारा कराया जाना जरूरी है।
प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए बुधवार की तिथि कोर्ट ने नियत की थी लेकिन अवकाश के कारण गुरुवार को सुनवाई हुई। गुरुवार को विशेष कोर्ट एमपी/एमएलए दिनेश चौरसिया के न्यायालय में इस मामले में सुनवाई हुई।
सरकार की तरफ से गैंगस्टर मामले के अधिवक्ता कृष्ण शरण सिंह और एमपी/एमएलए कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता राणा प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र पर आपत्ति करते हुए कहा कि यह प्रार्थना पत्र न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जेल मैनुअल के प्रावधानों और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों को देखते हुए अभियुक्त की नामांकन प्रक्रिया की औपचारिकता पूर्ण कराने का आदेश जारी किया। न्यायालय ने जरिए ई-मेल वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार बांदा को अनुपालन भेजने का आदेश दिया गया।