Uttar Pradesh

पूर्वांचल की इन 16 सीटों पर आज तक नहीं खिला कमल, क्या इस बार अपने गढ़ को बचा पाएगा विपक्ष?

UP Chunav :लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) आखिरी चरण की ओर बढ़ चला है. छठे और सातवें चरण का रण पूर्वांचल की सरजमीं पर लड़ा जा रहा है. इन दो चरणों की 111 सीटों पर 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होना है. इसके लिए सभी दलों के सियासी दिग्गजों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है.

बीजेपी (BJP) के लिए जहां खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम दिग्गज चुनाव प्रचार में जुटे हैं, तो वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी अपने प्रत्याशियों के लिए झोली भर-भरकर वोट मांग रहे हैं. लेकिन पूर्वांचल की 8 जिलों की 16 सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी आज तक नहीं जीत पाई है. इस बार बीजेपी ने विपक्ष के गढ़ में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

आजमगढ़ की इन सात सीटों पर अब तक नहीं मिली कामयाबी

आजमगढ़ जिले की बात करें तो यहां की कई सीटें बीजेपी के लिए चुनौती बनी हुई है. कई सीटों पर इस बार या तो कांटे की टक्कर है या फिर वो त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी नजर आ रही हैं. आजमगढ़ में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं. ऐसी ही एक सीट आजमगढ़ सदर है, जहां से बीजेपी आज तक नहीं जीती है. इसके अलावा गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, अतरौलिया, निजामाबाद और दीदारगंज में आज तक कमल नहीं खिला है. इसके अलावा मऊ सदर की सीट भी बीजेपी के खाते में नहीं गई है.

गोरखपुर की चिल्लूपार सीट

गोरखपुर की चिल्लूपार सीट भी ऐसी सीट है, जहां बीजेपी का अब तक खाता नहीं खुला है. पिछले तीन चुनाव में बसपा यहां से जीतती रही है. इस बार हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी की तरफ से राजेश त्रिपाठी मैदान में है. देखना होगा कि क्या राजेश त्रिपाठी यहां कमल खिला पाएंगे या फिर हरिशंकर तिवारी का जलवा बरक़रार रहेगा.

भाटपाररानी

देवरिया की भाटपाररानी सीट भी एक ऐसी सीट है जहां बीजेपी को अब तक कामयाबी नहीं मिली है. अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस चार बार, तीन बार सपा जीत चुकी हैं. इस सीट से मौजूदा विधायक समाजवादी पार्टी से है.

जौनपुर का मछलीशहर

जौनपुर की मछलीशहर विधानसभा सीट पर भी आज तक कमल नहीं खिला है. यहां पांच बार कांग्रेस, तीन बार जनता दल, दो बार सपा व बसपा जीत चुके हैं.

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