पूर्वांचल की इन सीटों पर शीर्ष नेतृत्व की नजर, आरपीएन सिंह व स्वामी प्रसाद के मैदान में आने से हाट हुई सीट
गोरखपुर,। आरपीएन सिंह और स्वामी प्रसाद मौर्य के मैदान में आने के बाद कुशीनगर जिले की दो सीटों पर सपा व भाजपा हाईकमान की सीधी नजर है। इस जिले में कांग्रेस भाजपा में गए आरपीएन और भाजपा से सपा में गए स्वागी प्रसाद मौर्य के आमने सामने आने से सारे समीकरण बदल गए हैं।
हलांकि दोनो नेता सीधे आमने सामने नहीं हैं लेकिन जिले की सभी सीटों पर इन दोनो नेताओं का प्रभाव है इसलिए इन दोनो नेताओं के लिए राजनीतिक रूप से जीवन मरण का प्रश्न है। दोनो नेता अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने की लिए पूरी शक्ति लगाए हैं।
बड़े नेताओं के भ्रमण में इन विधानसभाओं को दी जा रही प्राथमिकता
प्रदेश की सभी हाट सीटों पर राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व की पैनी नजर है। यहां के प्रचार-प्रसार से लेकर चुनावी समीकरण तक की जानकारी प्रतिदिन ली जा रही है। ऊपर से सीधे दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके लिए प्रदेश की राजधानी में एक बड़ी टीम कार्य कर रही है। सूचनाएं दिल्ली तक जा रही हैं।
कुशीनगर में फाजिलनगर व पडरौना विधानसभाएं, हाट सीट बनकर सामने आई हैं। फाजिलनगर से पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सपा से मैदान में ताल ठोक रहे हैं तो जिले की अन्य छह विधानसभा सीटों पर भी अपनी पार्टी के पक्ष में समीकरण बनाने में जुटे हैं। पडरौना से भाजपा ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री आरपीएन ङ्क्षसह के चहेते मनीष जायसवाल को मैदान में उतारा है।
ऐसे में पर्दे के पीछे पूर्व केंद्रीय मंत्री की भी बड़ी भूमिका होगी। वह भी जिले की अन्य विधानसभा सीटों पर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने को लेकर ताकत से जुटे हैं।प्रचार-प्रसार से लेकर चुनावी समीकरण तक की मांगी जा रही जानकारी
हाट सीटों के प्रचार-प्रसार के बाद रात को रिपोर्टिंग भी करनी है कि कहां क्या है। कैसे और कहां डैमेज कंट्रोल करना है। मकसद है, चुनावी रण में किसी मोर्चे पर कोई कमी न रह जाए। भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा की रिपोर्टिंग टीमें मिले इनपुट के आधार पर अगली रणनीति भी बना रही हैं। उस पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।
जरूरत पडऩे पर वीडियो काल से पार्टी के प्रमुख नेता सीधे जुड़कर भी निर्देश दे रहे हैं। जिले की इन दो हाट सीटों पर इसलिए भी प्रदेश व देश की नजर है क्योंकि भाजपा छोड़कर सपा में आए स्वामी ने भाजपा को सीधी चुनौती दी है तो कांग्रेस से अपना लंबा नाता तोड़कर भाजपा में आए आरपीएन को प्रदेश के पिछड़े वोटों को जोडऩे का दारोमदार दिया गया है। ऐसे में इन दोनों सीटों की जीत-हार का सियासी मायने अधिक होगा।
नामांकन समाप्ति के बाद सभी दलों ने बनाया वार रूम
नामांकन तिथि की समाप्ति के बाद लगभग सभी प्रमुख दलों भाजपा, सपा बसपा कांग्रेस के चेहरे सामने आ गए हैं। ऐसे में जिले की सातों विधानसभा सीटों पर प्रचार-प्रसार को लेकर पर्दे के पीछे से चुनावी रण में ठोस रणनीति बनाने को लेकर रूपरेखा तय होनी शुरू हो गई है। वार रूम भी सीधे शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं तो यहां बनने वाली चुनावी रणनीति व कार्यक्रमों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी मिल रहे हैं। सभी दलों के आइटी सेल के पारंगत खिलाडिय़ों की टीम इस वार रूम में कार्य कर रही है।