अब नहीं करनी होगी इमरजेंसी में भागादौड़ी; योगी सरकार कर रही इस ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी हो रही है. यूपी के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को न केवल अपडेट किया जा रहा है, बल्कि मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार कुछ बड़े कदम उठाने जा रही है. इस बदलाव से खासतौर पर किसी इमरजेंसी में भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी. साथ ही एक ही एक कॉल पर एंबुलेंस से लेकर अस्पतालों तक में मरीजों को तुरंत प्रवेश मिलेगा. इसे लेकर प्रस्ताव पूरी तरह तैयार है और जल्द सीएम योगी आदित्यनाथ की मुहर लग सकती है.
यूपी की योगी सरकार राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के प्लान पर काम कर रही है. प्लान के मुताबिक, अब एक कॉल पर न केवल एंबुलेंस आएगी, बल्कि मरीज का हास्पिटल में तुरंत इलाज शुरू हो जाएगा. इतना ही नहीं, WHO और AIIMS की ओर से ट्रेनिंग और गैप एनालिसिस में मदद भी दी जाएगी. प्लान है कि 2026 तक 47 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे.
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश देश में पहली बार लाईव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करेगा और कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी सेंटर की भी स्थापना होगी. साथ ही एंबुलेंस और ट्रेंड टेक्निकल स्टाफ में बढ़ोत्तरी की जाएगी और औसतन हर वर्ष तीन लाख मरीजों का इलाज होगा. इस सेंटर की क्षमता रोजाना 40 हजार कॉल अटेंड करने की होगी.
तो चलिए जानते हैं यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार का प्लान
-इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए दिसंबर 2023 तक मिड-टर्म और दिसंबर 2026 तक लॉन्ग-टर्म की रणनीति बनाई गई है.
-मिड-टर्म पॉलिसी के तहत अगले दो वर्षों में कॉल सेंटर और मोबाइल ऐप तैयार होगा. साथ ही चार लेवल वन, चार लेवल दो और चार लेवल तीन के इमरजेंसी चिकित्सा केंद्रों को क्रियाशील किया जाएगा.
-लॉन्ग-टर्म पॉलिसी के तहत करीब चार हजार एंबुलेंस क्रियाशील की जाएंगी. नौ लेवल वन, 10 लेवल दो और 27 लेवल तीन के आकस्मिक चिकित्सा केंद्र क्रियाशील किए जाएंगे.
-पूरी योजना को लागू करने के लिए 47 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में ट्रामा सेंटर खोले जाएंगे. इसमें लेवल थ्री और टू स्तर के मेडिकल कॉलेजों को लेवल वन में अपग्रेड किया जाएगा.
-इन चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों का होगा अपग्रेडेशन.
-दिसंबर 2023 तक एसजीपीजीआई, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, कन्नौज, बदायूं, अयोध्या, जिम्स नोएडा, बस्ती, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद और बहराइच को अपग्रेड किया जाएगा.
-दिसंबर 2026 तक UPMS सैफई, RMLIMS आगरा, झांसी, प्रयागराज, चाइल्ड PGI, बांदा, सहारनपुर, जालौन, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, हरदोई, एटा, फतेहपुर, देवरिया, जौनपुर, मिर्जापुर, गाजीपुर और 14 अन्य मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा.