स्मार्ट सिटी की राह पर बरेली लेकिन सुनियोजित कार्यप्रणाली की कमी
नवजोत सक्सेना
बरेली।। बरेली स्मार्टसिटी तो बनने जा रही है लेकिन हर तरफ़ अव्यबस्था ही अव्यबस्था नज़र आती है, कहा जाए तो एक सुनियोजित कार्यप्रणाली की कमी देखने को मिलती है जिस से जनता को काफ़ी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। कहीं जाम तो कहीं गड्ढे कहीं टूटे डिवाइडर चारों तरफ अव्यबस्थाएँ ही फैली दिखाई देती हैं।
हालांकि इन दिनों बरेली में स्मार्टसिटी योजना के तहत तमाम कार्य हो चुके हैं एवं कुछ कार्य प्रगति में है, जिनमें मुख्यतः अर्बन हाट की मल्टी स्टोरी पार्किंग , अक्षय विहार का सौन्दर्यकरण, म्यूजिकल फाउंटेन, डेंटल कॉलेज रोड का सौन्दर्यकरण आदि कार्य आकर्षण का केंद्र हैं लेकिन सुनियोजित कार्यप्रणाली की कमी के चलते बहुत से प्रोजेक्ट में सरकारी पैसा पानी की तरह बहा है एवं जनता को भी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
*संजय नगर चौराहा एक बार बना तो फिर दोबारा तोड़कर बनाया गया*
सुनियोजित कार्य प्रणाली की कमी के चलते सरकारी पैसा की बर्बादी किस तरह हो रही है उसका जीता जागता उदाहरण संजय नगर चौराहा है, पहले संजय नगर चौराहे पर बड़ा सा गोल चक्कर बना कर चौराहे का सौन्दर्यकरण का कार्य कराया जा रहा था गोल चक्कर इतना बड़ा बना दिया गया था कि चौराहे पर आए दिन जाम की समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ रहा था।
जिसके चलते कार्य पूरा होने से पहले ही उसे तोड़ दिया गया एवं दोबारा से गोलचक्कर छोटा करके बनाने का कार्य किया जा रहा है इस से सरकारी पैसे की तो बर्बादी हो ही रही है साथ ही साथ काम मे भी देरी हो रही है ।
-इसी तरह श्यामतगंज से सैटेलाइट पुल तक जाने वाले डिवाइडर पर पहले लाखों खर्च करके पौधारोपण एवं कीमती गमले लगाये गए लेकिन अब उस डिवाडर को तोड़ा जा रहा है।
– डेलापीर से एयरपोर्ट रोड की बात करें तो यहां चौड़े व ऊंचे डिवाइडर बनाये जा रहे हैं एवं उस रोड पर हाल ही में लाखों खर्च करके कैमरे लगवाए गए थे किंतु अब रोड चौड़ा किया जा रहा है जिस से कैमरे लगे यूनिपोल अब रोड के बीचों बीच आ रहे हैं अब जब रोड बनेगी तो इन यूनिपोलों को भी शिफ्ट किया जाएगा ।