लखनऊ के अहिमामऊ में जमीन घोटाला मामला, नायब तहसीलदार कविता ठाकुर समेत कई कर्मचारियों से पूछताछ
लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ शासन की सख्ती के बाद अहिमामऊ जमीन घोटाले की जांच पुलिस ने भी शुरू कर दी है। जिला प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी भी मामले की जांच कर रही है।
हालांकि, जमीन की हेरफेर में जिन लोगों के हस्ताक्षर फाइल पर मिले हैं, उनसे पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने गुरुवार को नायब तहसीलदार कविता ठाकुर को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था।
अहिमामऊ प्रकरण में उनसे सभी बिंदुओं पर पूछताछ की गई। फाइल पर कविता ठाकुर के हस्ताक्षर के बारे में भी उनसे पूछा गया। बयान में कविता ठाकुर ने कहा कि फाइल पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जालसाजी कर उनके हस्ताक्षर बनाए गए हैं। कविता ठाकुर के अलावा भी कई कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। तत्कालीन तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह अवकाश पर हैं। वापस आने पर उनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी।
सवाल जो उठ रहे हैं
जिन-जिन लोगों के फाइल पर हस्ताक्षर हैं और वे उसे फर्जी बता रहे हैं तो उन्होंने अब तक इस संबंध में पुलिस से शिकायत क्यों नहीं की?
आखिर फजीवाड़े के पीछे छिपे कर्मचारियों व अफसरों का नाम वे पुलिस को क्यों नहीं बता रहे हैं?
क्या अफसर पूरे मामले में हकीकत पर पर्दा डाल रहे हैं या फिर दोषी कर्मचारियों के नाम भी उजागर होंगे?
अभी तक स्थानीय पुलिस और एसटीएफ को डोबरियाल की लोकेशन की जानकारी क्यों नहीं हुई?
ये है मामलाः
पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में वसूली और ट्रांसफर पोस्टिंग में खेल करने की एफआइआर दर्ज कराई गई थी। छानबीन में पता चला कि आरोपित के करीबी कर्मचारियों ने अहिमामऊ में करोड़ों की जमीन में हेरफेर किया था।
दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को उठाया तो अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। उधर, डोबरियाल पर 50 हजार का इनाम घोषित हो चुका है। बावजूद इसके पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है।