उ.रे. लखनऊ मंडल के यूनियन नेताओं के लिए विभाग के नियम नहीं रखता मायना, रिटायर्ड रेल चालक संतोष सिंह बने नजीर, दफ्तर में बैठकर लेते रहे वेतन
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के यूनियन नेताओं और अधिकारियों में गहरी पैठ रखने वाले भ्रष्टाचारियों के लिए विभाग के नियम नहीं रखता मायना, रिटायर्ड रेल चालक संतोष सिंह बने नजीर, दफ्तर में बैठकर लेते रहे वेतन
लखनऊ /उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में अधिकारियों एवं यूनियनों का गठजोङ का कारनामा आये दिन देखने को मिल रहा है और रेलवे प्रशासन का कानून नपुंसक साबित हो रहा है और प्रधानमंत्री जी मन की बात में भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मुख्यालय पर तैनात एक रेलवे चालक जो यूनियन में अच्छी पकङ के चलते कभी डियूटी लाईन पर नहीं किया और नेताजी की जी हुजूरी करके पूरी नौकरी काट दिया और जनवरी माह में रिटायर हो गया।
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार जब कोई रेलवे कर्मी रिटायर होता है तो रिटायर वाले दिन सीयूजी मोबाइल आदि सभी रेलवे का सामान जमा होता है इसके बाद ही आफिस से उसे नोडयूज (NOC) सर्टिफिकेट मिलता है इसके बाद विभाग पेमेंट करता है।लेकिन यहां मंडल के अधिकारी और यूनियन के एक नेता ने उल्टी गंगा बहा दिया है सीधे फ्राड किया है।
जानकार लोगों ने बताया कि लखनऊ कंट्रोल आफिस में तैनात संतोष कुमार सिंह जो पावर कंट्रोल आफिस से रिटायर हुआ है और वह सीयूजी मोबाइल अभी भी धङल्ले से चला रहा है और उसको आलमबाग डीजल शेड में तैनात सुरेन्द्र मिश्रा जो आफिस इंचार्ज है सुविधा शुल्क लेकर नोडयूज सर्टिफिकेट जारी कर दिया और उसका भुगतान भी विभाग द्बारा हो चुका है।
ये वही सुरेन्द्र मिश्रा है जो यूनियन में नेता है और मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी और यूनियन के नेता जी की महानता से कभी भी डियूटी नहीं करता और घर बैठे लाखों रुपया वेतन प्रति माह ले रहा है।
ओ. पी. सिंह वैस