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हंगामें की भेंट चढ़ गई गन्ना समिति पर एजीएम की बैठक, किसानों ने काटा हंगामा

हंगामें की भेंट चढ़ गई गन्ना समिति पर एजीएम की बैठक, किसानों ने काटा हंगामा

गन्ना कृषक महाविद्यालय के प्राचार्य पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप

पीलीभीत। भारी हंगामे के बीच गन्ना समिति पर एटीएम की वार्षिक बैठक संपन्न हुई। बैठक में पर्चियां,, भुगतान सहित अन्य समस्याओं को लेकर गन्ना किसानों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। यहां गन्ना कृषक महाविद्यालय के प्राचार्य पर मनमानी सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

गुरुवार पूरनपुर गन्ना समिति पर हुई एजीएम की वार्षिक बैठक में डेलीगेट और गन्ना किसानों की काफी भीड़ उमड़ी। 5 मार्च 2020 के बाद एजीएम की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की शुरुआत में ही गन्ना किसानों ने पर्चिया, भुगतान सहित अन्य समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा काटा। डेलीगेटों ने बैठक में अफसरों और कर्मचारियों पर मनमानी का आरोप लगाया। सुपरवाइजर पर मनमानी का आरोप लगाकर सर्वे में पक्षपात का आरोप लगाया। ठीक से सर्वे न होने से किसानों को समय से पर्चियां न मिलने से लोगों में नाराजगी देखी गई। बैठक में मौजूद एसीडीआई ने दोबारा सर्वे कराने की बात कही। इसके अलावा पूरनपुर चीनीमिल की पेराई क्षमता बढ़ाने की बात कही गई। बैठक में मौजूद श्रीकांत सिंह ने गन्ना कृषक महाविद्यालय के नाम पर किसानों से होने वाली कटौती पर नाराजगी जाहिर की। उन्होने महाविद्यालय की प्रचार्य पर मनमानी सहित आरोप भी लगाए। महाविद्यालय द्वारा अभी तक आय व्यय का ब्योरा न देने की बात कही। उनके कार्यकाल में गन्ना कालेज के पास चार करोड़ 85 लाख से अधिक रुपए जमा है। इसके बावजूद गन्ना किसानों से कटौती करना ठीक नहीं है। प्राचार्य सुधीर शर्मा ने बताया कॉलेज के पास 5 करोड़ 26 लाख 43 हजार का कोस है जो कि सुरक्षित है। 7 वर्षों के कार्यकाल में गन्ना किसानों से 2716915 रुपए कटौती का समिति के पास है। इसके अलावा अभी तक गन्ना किसानों के बच्चों को 1195200 रुपए की छूट फीस में कर चुके हैं। इसके अलावा उनके कार्यकाल से अभी तक स्नातक और परास्नातक में कई विषयों की कक्षाएं शुरू हो चुकी है। इसके अलावा गन्ना स्नातक विषय की मंजूरी के साथ बेल्हा में जमीन भी स्वीकृत हो चुकी। सभी किसानों ने गन्ना कटौती का रुपया न देने की बात कही है। किसान लक्ष्मीकांत भरद्वाज ने बताया चीनी मिल जाएगी से चलने पर किसानों का खेत में खड़ा अर्ली गन्ना सस्ते दामों में भेज दिया गया उसके बाद अर्ली की पर्ची जारी की गई। किसान सामान्य करने को लेकर पहुंचा तो चीनी मिल प्रबंधन ने मनमानी कर उसे वापस लौटा दिया गया। किसान जंग बहादुर ने सुपरवाइजर पर मनमानी का झूठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप भी लगाया। बैठक में मौजूद सीसीओ अमित चतुर्वेदी ने किसानों की समस्याओं को शीघ्र निस्तारण करने का भरोसा दिलाया। 15 जनवरी के बाद किसानों को सामान्य पर्ची देने की बात कही गई है। बैठक में जीएम रमाकांत वर्मा के ना पहुंचने पर किसानों ने नाराजगी जताई। इसके बाद अन्य किसानों ने भी अपने विचार रखें। इस मौके पर मोहन सिंह सत्येंद्र सिंह, संजय तोमर, सुदेश सिंह, करुणा शंकर, नूर मोहम्मद, गंगाराम शर्मा, लक्ष्मण बर्मा सहित कई किसान मौजूद रहे।

रिपोर्ट शैलेंद्र शर्मा व्यस्त

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