मौनी अमावस्या पर शारदा और गोमती में लगाई आस्था की डुबकी, उमड़ा जनसैलाब
मौनी अमावस्या पर शारदा और गोमती में लगाई आस्था की डुबकी, उमड़ा जनसैलाब
पूरनपुर,पीलीभीत। मौनी अमावस्या को शारदा नदी और गोमती उदगम स्थल पर श्रृद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्रृद्धालुओं ने पहुंचकर स्नान कर पूजा अर्चना की।
माघ मास गंगा स्नान के लिए बहुत पवित्र माना जाता है। जिसमें मौनी अमावस्या सबसे मुख्य स्नान मानी जाती है। इस दिन जलाशय में स्नान करने का बहुत महत्व है। मौनी अमावस्या को स्नान व भगवान विष्णु की पूजा करने से दैहिक दैविक भौतिक पापों का नाश होता है। मान्यता है कि इस दिन सभी देवी देवता गंगा में वास करते हैं जो पापों से मुक्ति देते हैं। संघ प्रचारक ललित कुमार ने बताया कि भारतीय संस्कृति में नदी, कुंआ, तालाब का बहुत महत्व है। भगवान श्री राम ने मां गंगा की पूजा अर्चना की। भगवान श्री राम के पूर्वजों से अब तक गंगा स्नान महत्वपूर्ण माना जाता है। रविन्द्र कुमार नन्द ने कहा कि इस दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष में साधु संत कल्पवास करते हुए गंगा स्नान करते हैं। इस दिन प्रयाग, हरिद्वार आदि स्थानों पर कुंभ मेला लगता है। दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने शारदा नदी में डुबकी लगाई तथा पूजा अर्चना की। कल्पवास कर रहे साधु संतों को दान पुण्य किया। जगह जगह खिड़की, पूड़ी-सब्जी का भण्डारे कराये। लोगो ने पहुंचकर श्रृद्धालुओं ने मातारानी का जगराता कराया। जगह जगह पूरी रात भजन कीर्तन चलते रहे। धनाराघाट मेला में लगी दुकानों पर महिलाओं ने खूब खरीदारी की।
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पुलिस प्रशासन की निगरानी में रहे श्रृद्धालु
पूरनपुर। धनाराघाट पर रामनगरिया मेला कई दशकों चला आ रहा है। हर वर्ष नाममात्र का प्रशासन का सहयोग रहता था और खानापूर्ति हो जाती थी। इस बार मेला लगते ही उपजिलाधिकारी आशुतोष गुप्ता परिवार सहित मेला में पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर क्षेत्राधिकारी ज्योति यादव ने मौके पर पहुंची और पुलिस फोर्स तैनात की। तहसीलदार ध्रुव नारायण यादव एवं नायब तहसीलदार हेमराज सिंह बोनाल एक दिन पूर्व ही पहुंचकर व्यवस्था को लेकर गंभीर थे और पूरे समय मेला में धनाराघाट पर ही डेरा डाल रखा था। तहसीलदार ध्रुव नारायण यादव एवं नायब तहसीलदार हेमराज बोनाल ने नाव पर सवार होकर भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस बार सभी तहसील प्रशासनिक अधिकारियों का अच्छा योगदान माना जाता है।
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सरकार से साधु-संतों को नही मिलती सुविधा
पूरनपुर। राम नगरिया मेला धनाराघाट पर चलते सैकड़ों वर्ष बीत चुके हैं। कई सरकारें आईं और चली गई। लेकिन वर्तमान में एक तपस्वी सरकार चला रहे हैं। यहां साधु संत कल्पवास करते हैं। एक माह तक कल्पवास के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ता है। खुले में शौच, बिजली आपूर्ति, शुद्ध पेयजल जल व्यवस्था आदि समस्याओं के बीच कल्पवास करते हैं। जबकि अन्य स्थानों पर इन सब व्यवस्थाओं के लिए सरकार द्वारा बजट जारी होता है। गंगा किनारे प्रयाग हरिद्वार फर्रुखाबाद आदि स्थानों पर प्रशासन द्वारा मेला संचालित होता है। इन सब व्यवस्थाओं के लिए सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त बजट प्रावधान नहीं है।
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गायत्री परिवार की ओर से हुआ 15वां विशाल भण्डारा
पूरनपुर। गायत्री परिवार शांतिकुंज एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 15वां विशाल भण्डारा कराया गया। भगवन्तापुर गांव से कार्यकर्ताओं ने शारदा नदी पर पहुंचकर शाखा लगाई और शाखा विकिर के बाद खिचड़ी का भण्डारा कराया। खिचड़ी भण्डारा में सहजिला कार्यवाह एडवोकेट राजेश चौहान, संजय कुमार, अवधेश, हजारी लाल, मण्डल कार्यवाह शिवकुमार, उपखण्ड कार्यवाह देवेन्द्र एवं दिनेश चौहान आदि उपस्थित रहे।
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धनाराघाट पर विधायकों के अलावा की जनप्रतिनिधि पहुंचे
पूरनपुर। मेला में इस बार कई जनप्रतिनिधि पहुंचे। स्थानीय विधायक बाबूराम पासवान प्रारम्भ में ही पहुंचे। मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व ही पहुंचकर व्यवस्था को देखा। राम नगरिया मेला धनाराघाट पूरे दिन विधायक बाबूराम पासवान पूरे समय रहे। इनके अतिरिक्त बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानन्द भी पहुंचे। उनके साथ लालपुर प्रधान मिलाप सिंह, राधेश्याम मौर्य भी पहुंचे। मेला की लोकप्रियता के चलते भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह भी बाबा महंत राघवदास के पंडाल पहुंचे। यहां जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा, जिला मंत्री अनुराग अग्निहोत्री, विधायक पुत्र रितुराज, सिद्धनगर प्रधान राजकुमार सिंह, लुकटिहाई प्रधान इन्द्रपाल वर्मा, ध्रुव सिंह, मिलाप सिंह आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट शैलेंद्र शर्मा व्यस्त