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सचिव ने करीबियों की फर्म सहित विकास कार्य में लीपापोती कर किया लाखों का फर्जी भुगतान, डीपीआरओ बोले कराएंगे जांच

पूरनपुर में वर्षों से तैनात सचिव वसीम भ्रटाचार को दे रहा बढ़ावा
नल रिवोर सहित अन्य कई किए फर्जी भुगतान, विकास कार्यों में कमीशन फिक्स 
पूरनपुर,पीलीभीतभ्रष्टाचार वैसे तो कोई नया विषय नहीं है। परन्तु पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत सचिव वसीम की मनमानी ने भ्रटाचार की सारी हदें ही पार कर दी है। कहने को तो प्रशासन द्वारा कई नियम कानून बनाए जाते हैं।लेकिन बात जब जमीनी हकीकत की आती है तो कोई नियम कोई कानून दूर दूर तक भी नजर नही आते।आज हम बात कर रहे हैं भ्रष्टाचार की। कल भी कर रहे थे और न जाने कबतक करते रहेंगे।लेकिन हाँ हम इन बातों को दबाएंगे कभी नही क्योकि जब इन कानूनों की धज्जियां उड़ाने वाले आए दिन सामने आते रहते हैं तो इनको प्रशासन की आँखों के सामने लाना बेहद आवश्यक बन जाता है।ताजा मामला विकासखंड पूरनपुर की ग्राम पंचायत इटौरिया, नदहा, बिहारीपुर, बुढ़िया जमीमा और विधिपुर सहित अन्य ग्राम पंचायत का सचिव वसीम इन ग्राम पंचायतों में अपने करीबियों के नाम से किया लाखों का फर्जी पेमेंट। पंचायत भवन नल रिवर सहित अनेक कार्यो का फर्जी भुगतान बताकर सरकारी धन का किया बंदर बांट किया जा रहा है। फर्जी फर्म बनाकर एक व्यक्ति और उसके पुत्रों के नाम पर ग्राम पंचायतों में लाखों का भुगतान किया गया। सचिव वसीम हमेशा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में सुर्खियों में रहा है। इन पंचायतो में भ्रष्टाचार चरम सीमा के भी पार चला गया है। लेकिन इसकी सुध प्रशासन को कहाँ?प्रशासन की कार्यवाही कागज में ही दफन हो जाती है। यदि इन पंचायतो की कार्य विवरण की जांच की जाए तो कम से कम 50 प्रतिशत कार्य तो ऐसे हैं जो बिना निर्माण कार्य के ही इन गांव के प्रधानों व सचिव और इंजीनियर की मिलीभगत से आवंटित हुई राशि आपस में बाँट ली जाती है। तब चाहे सचिव की मनमानी हो या फिर प्रधानो की लापरवाही। ग्राम पंचायतो के विकास कार्य के प्रति ग्रहण सी लग गई है।पोर्टल पर खर्च का ब्यौरा न देकर ओके लेकर सचिव सरकारी धन का कर रहा है गवन। आपको बताते चलें इससे पहले भी उक्त सचिव आवास योजना में सुविधा शुल्क वसूलने सहित कई आरोप में घिरा रहा हैं।उक्त ग्राम पंचायतों में सचिव घटिया निर्माण कार्य कराने में तुला हुआ है। विकासखंड पूरनपुर की ग्राम पंचायतों में ऐसी तमाम शिकायतों पर अब तक कोई बड़ी कार्यवाही होती नहीं दिखाई दी है।जिलाधिकारी एक स्पेशल टीम बनाकर इसकी विशेष जांच की जाए और इस भ्रष्टाचार में लिप्त इन पंचायतों के प्रधानो,सचिव पर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा विकास कार्य में ठेकेदारों से कमीशन भी फिक्स है। खंड विकास अधिकारी सर्वेश कुमार ने बताया मामला गंभीर है। इनकी सभी ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की जांच कराई जाएगी। घोटाला पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
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अगर सचिव ने अपने करीबियों के नाम फर्जी भुगतान किया है तो इसकी टीम गठित कर जांच कराई जाएगी। मामला सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
धर्मेंद्र प्रताप सिंह
सीडीओ पीलीभीत
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मामले की जांच कराई जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर सचिव के खिलाफ कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी। सचिव के रिकॉर्ड की भी जांच कराई जाएगी। विकास कार्यों में लापरवाही कर सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वाचस्पति झा
डीपीआरओ पीलीभीत
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