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महा शिवरात्रि को मिलेगा भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद, जाने विधि शिवालयों में महादेव की बारात की बजेगी शहनाई मंदिरों में शिवरात्रि पर्व को लेकर सजावट की तैयारियां

महा शिवरात्रि को मिलेगा भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद, जाने विधि

शिवालयों में महादेव की बारात की बजेगी शहनाई

मंदिरों में शिवरात्रि पर्व को लेकर सजावट की तैयारियां पूरी

 

शैलेंद्र शर्मा व्यस्त
पीलीभीत। भोलेनाथ के भक्तों के लिए महाशिवरात्री का दिन किसी महापर्व से कम नहीं होता. इस वर्ष महाशिवरात्रि 18 फरवरी के दिन है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विष्णु और ब्रह्मा ने शिवलिंग की पहली बार पूजा की थी। तभी से महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की उपासना की परंपरा चली आ रही है। ऐसी भी मान्यताएं हैं कि इस दिन शिव-पार्वती विवाह संपन्न हुआ था। शिवरात्रि को लेकर नगर और देहात क्षेत्र के शिव मंदिरों में साफ सफाई पिछले कई दिनों से चल रही है। पर्व मनाने को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। कई स्थानों पर प्रसाद के रूप में भांग की ठंडई बनाने का कार्य भी जोरों शोरों पर चल रहा है।महाशिवरात्रि पर्व शनिवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। भगवान शंकर व माता पार्वती के विवाह ने शिवभक्त नाचते गाते शामिल होंगे। पर्व के मद्देनजर पीलीभीत, पूरनपुर व कलीनगर तहसील क्षेत्र के शिव मंदिरों में पिछले कई दिनों से साफ सफाई व रंग रोगन का कार्य चल रहा था। महाशिवरात्रि के दिन को लेकर नगर के कई मंदिरो को भव्य रुप से सजाया गया है। कई भक्त शिव के दर्शन करने छोटीकाशी कहे जाने वाले गोला गोकर्णनाथ को भी रवाना हो चुके हैं। पीलीभीत के दुधिया नाथ मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, पूरनपुर तहसील के क्षेत्र के गांव इकोह्त्तरनाथ मंदिर में शिवरात्रि पर सैकड़ों लोग पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। यह मंदिर जंगल के बीचोंबीच स्थित हैं। इसके अलावा नगर में अन्य कई मंदिरों पर सुबह से ही पूजा पाठ करने वालों की भीड़ लग जाती है। कलीनगर तहसील क्षेत्र में मोटे महादेश्वर शिव मंदिर और जमुनिया के ओड़ाझार शिव मंदिर में सुबह से ही शिव के दर्शन करने की भीड़ उमड़ने लगती है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के अफसरो ने धार्मिक स्थल पर पहुंचकर जायजा लिया।

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शिवरात्रि पर ये उपाय करने से होगा लाभ

शिवरात्रि पर मध्य रात्रि की पूजा विशेष फलदायी होती है। इसके लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। उनके समक्ष घी का एक दीपक जलाएं। इसके बाद उन्हें पुष्प अर्पित करें, भोग लगाएं। इस दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना बिल्कुल ना भूलें। मंत्र जाप के बाद अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
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अकूत शिवलिंग का भंडार है इकत्तरनाथ धाम

पूरनपुर। बलरामपुर चौकी क्षेत्र के मंडनपुर के जंगल में इकत्तरनाथ मंदिर स्थित है। यहां पर आने के नाथ शिवलिंग होने का दावा किया जाता है। महंत ने बताया की पौराणिक कथा के अनुसार राजा इंद्र ने अहिल्या से छल करने के उपरांत मिले श्राप से मुक्ति पाने के लिए एक ही रात में गोमती नदी के तटों पर शिवलिंगो की स्थापना करने का प्रण किया जब राजा इंद्र सिकोतर नाथ के जंगल में पहुंचे तो यहां पर उन्हें सुबह हो गई और उन्होंने बाकी बचे हुए सारे शिवलिंग इसी स्थान पर छोड़ दिए।आज भी यहां बारिश के मौसम में शिवलिंग निकलते हैं। महंत के अनुसार पहले यहां घना जंगल हुआ करता था एक छोटा मंदिर होता था जब क्षेत्रवासियों को स्थान का महत्व पता चला तब मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया और यहां पर पूर्णमासी अमावस्या अवसरों पर भव्य मेले का आयोजन होने लगा। यहां का शिवलिंग दिन में कई बार रंग बदलता है, जिन लोगों की मनोकामना यहां पूर्ण होती है वह लोग यहां नया नल लगवा कर उसके पानी से भंडारे का आयोजन करते हैं इस तरह हर रोज भंडारे चलते रहते हैं और हजारों की संख्या में मंदिर क्षेत्र के जंगल में न लगे हुए हैं।

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हरे बस्त्र पहनने से भोलेनाथ होते हैं खुश
शिवरात्री के दिन हरा रंग पहनना सबसे शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन हरा पहनने वालों से भोलेनाथ (Bholenath) प्रसन्न होते हैं। हरे रंग के सूती कपड़ों के अलावा लाल, सफेद, पीला और संतरी रंग पहनना भी शुभ माना जाता है। महाशिवरात्रि पर काले रंग के कपड़ों को पहनना पूरी तरह वर्जित किया गया है। कहा जाता है कि काले रंग के कपड़े शिव जी (Shiv Ji) को बिल्कुल पसंद नहीं हैं। लड़कों का इस दिन धोती पहनना भी शुभ माना जाता है।

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