भारत रत्न मिसाइल मैन डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्मदिवस समारोह
अम्बेडकरनगर। पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इण्टर कॉलेज रामनगर में देश के राष्ट्रपति रहे, महान वैज्ञानिक मिसाइल मैन डॉ. अबुल पाक़िर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म दिवस(15 अक्टूबर1931) विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में कई कार्यक्रमों के साथ समारोह पूर्वक मनाया गया।समारोह का शुभारंभ प्रधानाचार्य सुरेश लाल श्रीवास्तव द्वारा विद्यादायिनी माँ सरस्वती व भारत रत्न विभूषित डॉ कलाम की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित करते हुए किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य ने स्वरचित काव्य धारा में डॉ. कलाम के जीवन सन्दर्भ में कहा-
“बाँटे थे अख़बार जो, निज शिक्षा के अर्थ।
प्रथम नागरिक रूप में,इक दिन हुए समर्थ।।
थे जनता के राष्ट्रपति और मिसाइल मैन।
करके शिक्षा दान जो,पाते थे बहु चैन।।
समारोह में अपना विचार रखते हुए प्रवक्ता अवधेश कुमार सोनी ने कहा कि डॉ. कलाम “काल्ह करे सो आज करि, आज करे सो अब” के प्रबल पक्षधर रहे।शिक्षक पंकज वर्मा ने डॉ कलाम के जीवन दर्शन सन्दर्भ में कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षादान करने में विशेष अभिरुचि रखने वाले इनका विद्यार्थियों के प्रति अतिशय लगाव रहने के कारण ही इनके जन्मदिन को विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है।समारोह में शिक्षक संजय चौधरी आदि ने भी अपने विचार रखे।
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अवसर पर डॉ. कलाम के जीवन दर्शन पर आधारित क्विज़ एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई।भाषण प्रतियोगिता में कक्षा 9 के आदर्श कुमार प्रथम रहे,जबकि कक्षा 6 के कन्हैया व ऋषभ क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे।इसी प्रकार क्विज़ प्रतियोगिता में कक्षा 9 की रीतू अव्वल रहीं, वहीं इसी कक्षा के आदर्श दूसरे स्थान पर रहे।
तीसरे स्थान पर कक्षा 11 के सत्यम रहे।भाषण व क्विज़ प्रतियोगिता में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त इन विद्यार्थियों को प्रधानाचार्य सुरेश लाल श्रीवास्तव द्वारा विज्ञान प्रश्नोत्तरी पुस्तिका देकर सम्मानित किया गया। समारोह का समापन विद्यार्थियों को डॉ. कलाम के महनीय व्यक्तित्व से सीख लेने की शिक्षा देते हुए प्रधानाचार्य ने अपने शब्दों में कुछ इस तरह कहा-
होते हैं वे धन्य जो,करते कर्म महान।
करें धन्य माँ बाप को,निज कर्मों की शान।।
जिसका जीवन रहा है, मानवता के नाम।
सदा सलामत रहेगा,उनका यश अभिराम।।