पेट की आग बुझाने को 10 साल की बच्ची दिखा रही हैरत अंगेज करतब
पेट की आग बुझाने को 10 साल की बच्ची दिखा रही हैरत अंगेज करतब
करतब को देखकर हर कोई दांतों तले उंगली दबाने को हो गया मजबूर
पीलीभीत।पापी पेट व गरीबी आदमी को न जाने क्या-क्या करने के लिए मजबूर कर देती है। इसका ताजा उदाहरण आजकल लोगों को शेरपुर कलां की सड़कों पर सरेआम देखने को मिल रहा है। स्कूल जाने की उम्र में एक छोटी बच्ची अपने पेट की आग को बुझाने के लिए दो बासों के बीच झूलते एक रस्से पर चलकर लोगों का मनोरंजन करती है।बच्ची ने उस समय दर्शकों की खूब तालिया बटोरी जब उसने सिर पर कई लुटिया रखकर साइकिल के चक्के के साथ रस्सी पर चलने का करतब दिखाया।खेलने-कूदने और पढ़ाई-लिखाई की छोटी सी उम्र में बच्चियां 8 से 10 फीट की ऊंची रस्सी पर चलकर मौत के खेल का करतब दिखा रही हैं।यह खेल दिखाना उन्हें विरासत मे मिला है।शेरपुर कलां मे बच्ची के करतब को देखकर हर कोई दांतों तले उंगली दबाने मजबूर हो गया।
भाई बाजा बजा रहा है ताकि लोग बॉक्स की आवाज सुनकर उनके पास पहुंचे,वही 10 साल की बच्ची एक इंच मोटी रस्सी पर बिना किसी सहारे करतब दिखा रही है।शेरपुर कलां में बच्ची को रस्सी पर चलते हुए देखकर हर किसी के पैर वहीं थम गए।दस साल की बचची कभी खुले पैर, कभी चप्पल पहनकर तो कहीं रिंग पर पैर चलाते हुए रस्सी पर चलती है। इस दौरान सिर पर सामान भी रखी रहती है और दोनों हाथ से एक बांस को पकड़े रहती है। बच्ची के करतब देखकर हर किसी के पैर ठहर से जाते हैं।बच्ची का यह करतब इन दिनों तहसील पूरनपुर गांवों में दिखाई दे रहा है।इस करतब में थोड़ी सी चूक होने पर जान पर बड़ा खतरा बना रहता है।यह लोग एक इलाके में चार-पांच दिन करतब दिखाने के बाद किसी दूसरे इलाके में रोजगार की तलाश में निकल जाते है।बच्ची के परिजनों का कहना है की छोटी बच्ची को लेकर खेल दिखाना अच्छा नहीं लगता है।लेकिन पेट की भूख को शांत करने के लिए मजबूरी में ऐसा करना पड़ता है।रस्सी पर करतब दिखाने की कला विरासत मे मिली है जो पीढ़ी दर पीढ़ी ऐसा ही चलता है।
रिपोर्ट मीनू बरकाती