पीलीभीत के चार शिक्षक राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में हुए सम्मानित
पीलीभीत के चार शिक्षक राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला में हुए सम्मानित
पीलीभीत। नवोदय क्रांति परिवार की ओर से राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन हरियाणा में कुरूक्षेत्र में एक से तीन जनवरी तक किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ ओम वर्मा ने अमेरिका से वर्चुअल माध्यम से किया। कार्यशाला में देश के 15 राज्यों से लगभग 130 शिक्षक शिक्षकाओं ने प्रतिभाग किया । विशिष्ट अतिथि क़े रूप मे उप मुख्यमंत्री क़े मुख्य मीडिया कोऑर्डिनेटर दीपकमल सहारण, एडवोकेट पवन मलिक, पवन शर्मा पहलवान, ओमपाल, दया सिंह स्वामी, देवीलाल बारना, राजपाल पांचाल, राकेश भारद्वाज, सुखदेव आदि शामिल हुए। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रदेशों के शिक्षक शिक्षकाओं ने भाग लिया। कार्यशाला का आयोजन राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल थानेसर कुरुक्षेत्र मे हुआ। प्रतिभागियों क़े रहने की व्यवस्था गुर्जर धर्मशाला मे की गई ।
कार्यशाला में शिक्षकों को वैदिक गणित, सुंदर लेखन , शून्य खर्च गतिविधि, हिंदी भाषा शिक्षण में अक्षरों का उच्चारण, डिजिटल कंटेंट सहित अन्य विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा नई शिक्षा नीति पर चर्चा परिचर्चा हुई। कार्यक्रम के अंतिम दिन शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को राष्ट्र रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में वैदिक गणित ट्रेनर डॉक्टर योगेश चांदना, दर्शन लाल बवेजा सुंदर लेखन एक्सपर्ट, ओमप्रकाश सिवाच, शिक्षाविद डॉ अजय बल्हारा, गौतम दत्त सहित अन्य विशेषज्ञ शिक्षकों को ज्ञानवर्धन किया । शिक्षा अधिकारी रामदिया मुख्य रूप से इस कार्यशाला में पहुंचें।
कार्यशाला नवोदय क्रांति परिवार क़े बैनर तले आयोजित की गई । कार्यशाला में उत्तर प्रदेश 45 शिक्षक शिक्षकाओं ने भाग लिया जिसमें पीलीभीत के 4 शिक्षक निरंजना शर्मा पुष्पा देवी, अनीता विश्वकर्मा , वीरेंद्र प्रताप सिंह, खेमपाल सिंह ने प्रतिभाग किया। गौरतलब है की नवोदय क्रांति परिवार इससे पहले कई राष्ट्रीय सम्मेलन व राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित कर चुका है। आवासीय कार्यशाला का समापन सूडान अफ्रीका से सपत्नीक डॉ0 सौदान सिंह तरार के द्वारा किया गया। डॉ0 तरार ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यशालाओं से नवीन ज्ञान का संचार होता है इस प्रकार की कार्यशालाऐं होती रहनी चाहिए जिससे शिक्षको के वौद्धिक क्षमता में बृद्धि होती है।
रिपोर्ट शैलेंद्र शर्मा व्यस्त