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दूसरी जाति में शादी करने पर 13 कपल का सामाजिक बहिष्कार, जाट पंचायत सदस्यों के खिलाफ दर्ज हुआ केस

मुंबई : महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक जाट पंचायत के छह सदस्यों के खिलाफ कथित तौर पर अंतरजातीय विवाह के लिए कम से कम 13 जोड़ों के सामाजिक बहिष्कार का आदेश देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घुमंतू जनजाति नंदीवाले समुदाय (Nandiwale community) की जाट पंचायत ने नौ जनवरी को सांगली के पलुस में हुई अपनी बैठक में सामाजिक बहिष्कार का ताजा आदेश दिया था।

’13 जोड़ों की शादी जिले के अलग-अलग हिस्सों में हुई थी’

इस मामले में पीड़ितों और शिकायतकर्ता में से एक व्यक्ति ने कहा कि इन 13 जोड़ों की शादी साल पहले जिले के अलग-अलग हिस्सों में हुई थी। पलुस थाने के इंस्पेक्टर विकास जाधव ने कहा, “हमने जाट पंचायत के छह सदस्यों के खिलाफ 13 जोड़ों का उनके समुदाय से बाहर शादी करने पर कथित तौर पर सामाजिक बहिष्कार करने का मामला दर्ज किया है।”

2007 के पीड़ित व्यक्ति ने उठाया मामला, दर्ज करवाई शिकायत

इस संबंध में एक शिकायत प्रकाश भोसले (42) ने दर्ज कराई थी, जिन्होंने कहा था कि उन्होंने खुद 2007 में अंतर्जातीय विवाह किया था, जिसके बाद उन्हें जाट पंचायत द्वारा समुदाय से बहिष्कृत कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “हमारे समुदाय से मेरे जैसे कई पीड़ित हैं, जिन्हें जाति से बाहर शादी करने के लिए बहिष्कार किया गया था।

पिछले साल दिसंबर में, कराड (सतारा जिले में) समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि इन जोड़ों को फिर से समुदाय का हिस्सा बनने दिया जाना चाहिए। मैं उस बैठक में मौजूद था।

“‘जोड़ों को समुदाय में वापस नहीं लेने का फरमान’

भोसले ने कहा कि, बाद में कुछ सदस्यों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई और 9 जनवरी को पलुस में एक बैठक बुलाई, जिसमें यह बताया गया कि इन जोड़ों को समुदाय में वापस नहीं ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “इसके बाद हमने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से संपर्क किया और उनकी मदद से जाट पंचायत के छह सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।

” इंस्पेक्टर जाधव ने कहा कि छह लोगों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और महाराष्ट्र सामाजिक बहिष्कार (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2016 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

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