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सहायकों की मनमानी से पंचायत भवन में लटक रहे ताले, सरकारी योजनाओं को लग रहा पलीता

सहायकों की मनमानी से पंचायत भवन में लटक रहे ताले, सरकारी योजनाओं को लग रहा पलीता

गोरा,पीलीभीत। जहां योगी सरकार पंचायत भवन का निर्माण पर लाखों रुपए खर्च करती है। सहायक की मनमानी के चलते पंचायत भवनों में लटक रहे। ताले हर पंचायत भवन में यह सहायक निर्मित किया गया। लेकिन सहायक अपनी मनमानी के चलते पंचायत भवनों में नहीं पहुंच रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को पंचायत भवन से कोई भी फायदा नहीं मिल रहा है। थाना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र गोरा, धनेगा,बासुपुर, ऐसे कई गांव हैं। जिसमें सरकार द्वारा पंचायत भवन बनवाए गए। जिसमें पंचायत भवनों में लाखों रुपए खर्च किए गए हैं ।पंचायत भवन को तैयार किया गया ।लेकिन वहीं पंचायत भवनों में सहायक निर्मित किया गया ।पंचायत भवन में सहायक कक्ष भी बना हुआ है। लेकिन उसमें ताले लटकते नजर आ रहे हैं। सहायक कक्ष में कंप्यूटर भी सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया। लेकिन सहायक अपनी मनमानी के चलते सहायक द्वारा ताले नहीं खोले जाते हैं। जिसमें ग्रामीणों के लिए पंचायत भवन सहायक कक्ष बनाया गया। लेकिन पंचायत भवन ग्रामीणों को सहायक द्वारा कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं होती हैं। अगर कोई भी ऑनलाइन कराने के लिए पंचायत भवन के लिए जाते है। तो मासूम होकर लौट आते फिर लगभग गांव से 20 25 किलोमीटर पूरनपुर के लिए जाना पड़ता है।अपने घर बैठे सरकार द्वारा पैसा लिया जाता है इससे पहले भी कई बार अधिकारियों को भी सूचित किया गया पंचायत भवन में लगातार ताले लटकते नजर आ रहे हैं। इसके बावजूद भी शासन-प्रशासन कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे आला अधिकारियों के कानों तक जू तक नहीं रंगती हैं। पंचायत भवनों के तब ताले खोले जाते जब कोई भी अधिकारी बैठक करने के लिए आते हैं। बैठक होने के बाद फिर कभी भी दूबारा पंचायत भवनों में लटक रहे ताले नहीं खोले जाते हैं। सिर्फ अधिकारियों को दिखाने के लिए ताले खोले जाते हैं। अगर पंचायत भवन से ग्रामीणों को कोई सुविधा नहीं मिलती पंचायत भवन को ही बंद कर दिया जाए ना तो ऑनलाइन के लिए कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ना तो कोई जानकारी सहायक द्वारा मिल रही हैं। अब देखना कि किस तरीका से पंचायत भवन में लटक रहे तालें आला अधिकारी संज्ञान लेते हैं।
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