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बैेठक में पिटाई से कोई चिल्लाया तो किसी ने चप्पलो से पिटकर दर्द छिपाया, ये पब्लिक है सब जानती है साहब

 

पीलीभीतकोटा चयन की खुली बैठक में हंगामा होने के बाद जमकर मारपीट होने के बाद किसी ने अपना दर्द बयां किया तो कोई चप्पलों से पिटकर भी मुंह खोलने को तैयार नहीं हुआ। साहब यह पब्लिक है सब जानती है। पिटाई का आरोप लगाकर लोकतंत्र सेनानी की पत्नी और और पौत्र चिल्लाया लेकिन कुछ लोगों ने उनकी आवाज को दबा दिया। पुलिस भी फिल्मी स्टाइल में पहुंची तब तक मारपीट के बाद हंगामा थम चुका था। बैठक में पुलिस की मुस्तैदी होती तो मारपीट की घटना न होती। आमतौर पर फिल्मों में नेता, अभिनेता और अफसर पिटने के बाद सच्चाई की घटना उजागर नहीं होने देते हैं।
असल जिंदगी में भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती है व्यक्ति बदनामी के डर से पिटने के बाद भी अपना मुंह बंद रहता है। फिलहाल ऐसी स्थिति में आरोपियों के हौसले बुलंद जाते हैं। इसलिए घटना होने के बाद उस पर कानूनी कार्रवाई जरूरी होती है। पूरे मामले मे सोमवार को कोतवाली क्षेत्र के गांव जेठापुर खुर्द के पंचायत भवन में राशन कोटा चयन के लिए खुली बैठक बुलाई गई। चार उम्मीदवार कोटा चयन को लेकर अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। इसमें लोकतंत्र सेनानी के पौत्र जयप्रकाश भी शामिल हुए। कोरम पूरा ना होने की बात कहकर दूसरे पक्ष के लोगों ने कोटा चयन का विरोध किया। सूचना मिलने के बाद तहसीलदार ध्रुवनारायण भी पहुंच गए। इसी बीच ग्रामीणों और लेखपाल के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि लेखपाल द्वारा लोकतंत्र सेनानी के पौत्र जयप्रकाश के थप्पड़ मारने पर ग्रामीण भड़क गए। सूचना पर पहुंची युवक की दादी के साथ अभद्रता की गयी। इससे उनके हाथ में चोट आई है। इसके बाद लेखपाल के साथ हाथापाई हुई। समझाने पर तहसीलदार से भी अभद्रता की गयी। लोकतंत्र सेनानी के परिजनों ने तहसीलदार पर मारपीट का आरोप लगाया है। बवाल होने के बाद तहसीलदार अपनी कार में बैठकर जाने लगे। इससे नाराज ग्रामीणों ने उनकी कार रोकर जमकर हंगामा काटा।  बमुश्किल तहसीलदार भीड़ से निकल सके। पूरे मामले में पुलिस को भनक न लगना अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। यदि पुलिस कर्मियों की मौके पर मौजूदगी होती तो बैठक सकुशल संपन्न हो सकती थी। भीड़ के उग्र होने के बाद बड़ी घटना घटने से भी इंकार नहीं किया जाता है। जब तक पुलिस फोर्स पहुंची पूरा मामला शांत हो चुका था। चयन प्रक्रिया में शामिल तहसीलदार के अलावा ग्रामीणों के तहसील और कोतवाली में आने के बाद पुलिस अलर्ट हुईनाराज ग्रामीणों ने भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के साथ तहसील पहुंचकर धरने पर बैठ गए। तहसीलदार के समझाने पर सभी शांत हुए। मामला चर्चा का केंद्र बिंदु बना रहा।कोतवाल आशुतोष रघुवंशी का कहना है बैठक की सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी। इसलिए मौके पर पुलिस मौजूद नहीं रही। तहसीलदार ध्रुवनारायण ने बताया बैठक में एक व्यक्ति लोकतंत्र सेनानी का आश्रिय बताकर अपनी नाम कोटा चयन करने की बात कहने लगा। नियम ना होने की बात पर वह विवाद करने लगा। लेखपाल के वीडियो बनाने पर लेखपाल से मारपीट की। मेरी भी गाड़ी रोककर  अभद्रता की गई है। पूरे मामले का सॉर्ट आउट हो गया है।

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