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पूरनपुर और कलीनगर में बाघ की दहशत बरकरार, डर के साए में जी रहे लोग

पूरनपुर और कलीनगर में बाघ की दहशत बरकरार, डर के साए में जी रहे लोग

पीलीभीत। पीलीभीत टाइगर रिजर्व से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचे बाघ की दहशत बरकरार है। खेत में धान की रोपाई कर रहे किसान को निवाला बनाने के बाद से ही बाघ आस-पास चहल कदमी करता देखा जा रहा है। बाघ ने अब सिख फार्मर के खेत को अपना डेरा बना लिया है। पूरनपुर और कलीनगर क्षेत्र में बाघ की चहलकदमी से लोगो में दहशत व्याप्त है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व से निकलकर मथना के बाद अब पूरनपुर क्षेत्र के उदय करनपुर में बाघ की दहशत बरकरार है। बाघ के रिहायशी इलाके में पहुंचने से नाराज़ ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा। बताया जाता है कि देर रात तक गुस्साए ग्रामीणों की वन विभाग के कर्मचारियों से तीखी नोकझोंक हुई। सूचना पर पहुंचे विधायक पुत्र ऋतुराज पासवान ने गुस्साएं ग्रामीणों को बमुश्किल समझा बुझाकर शांत किया। बताते हैं कि ग्रामीणों के शोरगुल करने के बाद भी बाघ खेत से जंगल की ओर नही गया। बाघ ने अब पूरनपुर क्षेत्र के उदय करनपुर के 13 मील के पास सिख फार्मर के खेत को अपना डेरा बना लिया है। जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। जंगल की खुली सीमा होने चलते वन्यजीव आबादी और खेतों में घूमते देखे जा रहे हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व बनने के बाद वन्यजीवों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ी है। इन दिनों लगातार बाग की चहलकदमी से लोग डर के साए में जी रहे हैं। रानीगंज में खेत पर ग्रामीण को मौत के घाट उतारने के बाद बाघ उसी क्षेत्र में घूमता देखा जा रहा है।

रिपोर्ट शैलेंद्र शर्मा व्यस्त

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