जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रयास से माती माफी में 2 किलोमीटर लंबे भुगनइ सरोवर की बदलेगी सूरत
जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने सरोवर पर पहुंचकर तेजी से काम करने को कहा
पीलीभीत। जिला पंचायत अध्यक्ष और उनके पति के प्रयास से माती माफी के मातेश्वरी गूँगा देवी मंदिर से जुड़ा शाही सरोवर भुगनइ ताल की सूरत बदलने वाली है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा सरोवर है। 94 गांवों का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनेगा। इस सरोवर को अमृत सरोवर के रूप में 7.60 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। मंगलवार जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि गुरभाग सिंह ने मौके पर पहुंचकर चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लेकर तेजी से काम कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानकों के अनुसार ही सरोवर पर सभी काम कराए जाने चाहिए। सुबह श्री सिंह सोंधा व बागर गांव के पास स्थित जिंद बाबा स्थल पर आयोजित भाजपा के मंडल स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने यहां जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ दलजीत कौर द्वारा गोद लिए गए अमृत सरोवर के रूप में विकसित हो रहे भुगनई ताल पर चल रहे कामों का निरीक्षण किया। उन्होंने ताल की खुदाई के काम को देखा और सभी काम समय से एवं गुणवत्ता पूर्ण करने के निर्देश निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों व अभियंताओं को दिए। श्री सिंह ने बताया कि 7 करोड़ 60 लाख की लागत से इस सरोवर को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है। लगभग 2 किलोमीटर लंबे इस सरोवर को प्रदेश का सबसे बड़ा सरोवर बताते हुए गुरभाग ने कहा कि इस सरोवर के चारों तरफ पथवे बनाया जा रहा है और फेसिंग कराई जा रही है। इस सरोवर पर 5 पक्के घाट श्रद्धालुओं के लिए निर्मित कराए जा रहे हैं। 100 से अधिक सोलर लाइट एवं 100 से अधिक बैंच का निर्माण भी कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 8 मीटर का सरोवर का किनारा विकसित होगा, उसमें 2 मीटर चौड़ाई में पेवर ब्लॉक लगेगी जबकि शेष में बेंच निर्माण होगा एवं पौधारोपण कराया जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि 7 फीट ऊंची तार फेंसिंग भी सरोवर के चारों तरफ कराई जाएगी। जिससे सरोवर पूरी तरह सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि इस सरोवर को पर्यटन स्थल घोषित कराने के प्रयास भी कर रहे हैं। सरोवर को आसाम रोड हाईवे से 7 मीटर चौड़े मार्ग से भी जोड़ा जाएगा और सरोवर से जुड़ने वाले सभी मार्गों को पक्का बनाया जाएगा। इस मौके पर आस-पड़ोस के लोगों ने अपनी कुछ समस्याएं भी रखीं जिसका निराकरण कराने की बात गुरभाग सिंह ने कही।