poem
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” नारी “
वीना राय आजमगढ़ हम कौन हैं? मात्र एक सुंदर सामान जिसे ढककर, छुपाकर रखा जाए जिसकी अपनी कोई पहचान नहीं…
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मानव और प्रकृति का संवाद
मानव और प्रकृति का संवाद नूतन राय मुंबई महाराष्ट्र मानव=हे प्रकृति तुम रूष्ट हो क्यो? कैसा ये कहर बरसा रही…
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मैं और प्रकृति
वीना राय आजमगढ़ उत्तरप्रदेश उस जगह का पता बता दे ज़रा जहाँ मुझे मेरे हृदय का स्पंदन सुनाई दे बहुत…
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गाँव की मिट्टी
गाँव की मिट्टी नूतन राय महाराष्ट्र बहुत याद आती है हमको अपने गाँव की माटी गाय के गोबर के उपले…
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हमे गर्व है भारत पे
अभिमान मान मद हमे घमंड है भारत पे गर्व हमे है गरुर गुमान है भारत पे धर्म सभ्यता दोनों यहाँ…
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