केबल Bridge Collapse: मोरबी में पुल टूटने से 132 लोगों की मौत, छठ पूजा के सिलसिले में 300 से ज्यादा लोग थे मौजूद
अहमदाबाद (Agency)। गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम करीब 6.30 बजे मच्छू नदी पर बना केबल पुल टूट गया। हादसे के वक्त पुल पर 300 से अधिक लोग मौजूद थे। 233 मीटर लंबा यह पुल करीब सौ वर्ष पुराना था। हादसे में 132 लोगों के मरने की आशंका है। हालांकि प्रदेश सरकार के मंत्री ब्रजेश मेरजा ने 60 लोगों के मरने की ही पुष्टि की है जिनमें अधिकांश महिलाएं एवं बच्चे हैं। करीब 50 लोग लापता हैं और लगभग 170 लोगों को बचा लिया गया है। इस घटना के बाद वहां के प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी सामने आए हैं तो वहीं राजनीति भी उफान पर है।
अहमदाबाद से 200 किलोमीटर दूर स्थित केबल पुल कल शाम 6.42 बजे उस समय ढह गया जब छठ पूजा के सिलसिले में 300 से ज्यादा लोग वहां मौजूद थे।
जानकारी के अनुसार नदी के पानी में अब भी करीब 100 लोगों के फंसे होने की आशंका है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई लोगों को पानी में संघर्ष करते हुए देखा गया।
सुबह तक 130 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, करीब 177 लोगों को बचा लिया गया है और 19 लोगों का इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार हादसे के बाद से सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड तलाशी अभियान चला रही है।
मोरबी में केबल ब्रिज लगभग 150 साल पुराना और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। करीब 7 महीने के लिए इस पुल को नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया गया था। यह हाल ही में पांच दिन पहले 26 अक्टूबर को दोबारा खोला गया था। बता दें कि पुल तक पहुंचने के लिए 17 रुपये का टिकट भी था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुल पर कुछ लोग अन्य लोगों को डराने के लिए कूद रहे थे और उसे हिलाने के लिए पुल के बड़े-बड़े तारों को खींच रहे थे जो हादसे की वजह बना।
हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया। पीएम ने कहा कि मोरबी में हुई त्रासदी से मुझे गहरा दुख हुआ है। पीएम ने इसको लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की और राहत और बचाव अभियान तेज करने को कहा। पीएम ने इसी के साथ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
दूसरी ओर राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले पुल गिरने से कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने इस त्रासदी के लिए भाजपा पर निशाना साधा।
कांग्रेस और आप ने इस घटना की जांच कराने की मांग की है। आप की आतिशी ने कहा कि अभी राहत और बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है लेकिन जवाबदेही तय करने की भी जरूरत है।
एक निवासी ने बताया कि इस घटना ने 1979 की मच्छू बांध त्रासदी को याद दिला दिया, जब बाढ़ के कारण हजारों स्थानीय निवासियों की मौत हो गई थी।
बता दें कि केबल पुल का निर्माण सर वाघजी ठाकोर ने करवाया था। उन्होंने 1922 तक मोरबी पर शासन किया था और वह औपनिवेशिक प्रभाव से प्रेरित थे। उन्होंने उस समय दरबारगढ़ पैलेस को नजरबाग पैलेस (तत्कालीन राजसी निवास) से जोड़ने के लिए उक्त पुल का निर्माण कराया था।