दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Virus) फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार बताया जा रहा है. शुरुआत से ही चीन के ऊपर ही इस वायरस का ठीकरा फोड़ा जा रहा है. भले ही ये देश इस बात से सहमत ना हो. लेकिन चीन को ही इसके लिए जिम्मेदार बताया जाता रहा है. कोरोना ऐसा वायरस है जो बीते दो सालों से लोगों को तबाह किये हुए हैं.
वैक्सीन के बावजूद अभी भी इसका संक्रमण कम होने का नाम नहीं ले रहा. डेल्टा (Delta) के बाद अब इसका ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) लोगों को तबाह किये हुए है. चीन में भी हाल के दिनों में कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है. इस बीच दो हफ़्तों के अंदर इस देश में विंटर ओलंपिक होने हैं. इसे लेकर एक शर्मनाक खबर सामने आ रही है.
खबर है कि बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक (Winter Olympics) से पहले चीन कोरोना का टेस्ट करने के लिए खिलाड़ियों के प्राइवेट पार्ट से सैंपल ले रहा है. पिछले साल भी चीन द्वारा एनल स्वैब टेस्ट करना विवादों में रहा था. अब ओलंपिक का हिस्सा बनने आए खिलाडियों को इस विवादित टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है. ये टेस्ट काफी विवादित है लेकिन चीन के मुताबिक, ये कोरोना को डिटेक्ट करने का सबसे सुरक्षित और सही तरीका है.
ऐसे होता है एनल टेस्ट
कोरोना का एनल टेस्ट काफी विवादित है. इसमें संक्रमित इंसान के प्राइवेट पार्ट के 5 सेंटीमीटर अंदर तक टेस्टिंग किट को घुसाया जाता है. इसके बाद इसे घुमाया जाता है. जांच से पहले स्वाब किट को तोड़ दिया जाता है. पहले भी चीन से ऐसे टेस्ट की खबरें सामने आई थी. इसके बाद विवाद बढ़ता देख इसे रोक दिया गया था. लेकिन अब विंटर ओलंपिक से ठीक पहले एक बार फिर इसे अपनाया जा रहा है.
जल्द होने वाले हैं विंटर ओलंपिक्स
चीन में 4 फरवरी से विंटर ओलंपिक्स होने हैं. चीन में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. इसे लेकर चीन अपनी सुरक्षा के लिए एनल स्वैब टेस्ट कर रहा है. चीन इस खेल की सुरक्षित मेजबानी कर दुनिया में अपनी धाक जमाने की तैयारी में है. चीन ने इन खेलों को सुरक्षित बनाने के लिए पूरे बीजिंग में लॉकडाउन लगा दिया है. लोग राशन तक लेने के लिए नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे हालात में चीन द्वारा इस टेस्ट की खबरों ने फिर से उसकी बदनामी कर दी है.