Ramadan 2022: रमजान का चांद दिखा, कल होगा पहला रोजा, मौलाना फरंगी महली बोले- दो साल बाद हम आजादी की तरह जश्न मनाएंगे
लखनऊ। रमजान का चांद शनिवार को दिखाई दिया। रमजानुल मुबारक महीने का चांद दिखते ही लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास और काजी ए शहर मौलाना अबुल इरफान मिया फरंगी महली ने रमजान के चांद की तस्दीक की। इसी के साथ ही इबादतों के दौर का आगाज हो गया है। इसके साथ ही मस्जिदों में नमाज-ए-तरावीह का दौर भी शुरू हो गया जो ईद का चांद दिखने तक जारी रहेगा।
रविवार को सहरी खाकर लोग पहला रोजा रखेंगे। माहे रमजान शुरू होते ही मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रौनक बढ़ जाती थी, पुराने शहर के इलाकों के बाजार भी जगमगा उठे। रोजा रखने के लिए लोग सहरी और इफ्तारी के सामान की खरीदारी देर रात तक होती रही। आज मुख्य रूप से बाजारों में विभिन्न प्रकार की खजूर, लच्छे, फल, चिप्स, आदि की खरीदारी के साथ नमाज के लिए टोपियां भी खरीदीं गईं। पुराने शहर के अकबरी गेट, नजीराबाद, मौलवीगंज, अमीनाबाद,खदरा, नक्खास आदि क्षेत्रों में लोग अपनी जरूरत के मुताबिक खरीदारी कर रहे थे। इन क्षेत्रों में सिंवई, लच्छे व खजूर के अलावा विभिन्न प्रकार की आकर्षक टोपियों की दुकाने सजी थीं।
इस्लामी कलेंडर का नवां महीना है रमजान : रमजान का महीना सभी मुसलमानों के लिए बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। रमजान को रमदान भी कहते हैं। रमजान इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना है। रमजान के महीने में लोग रोजे (व्रत) रखने, रात में तरावीह की नमाज पढऩा और कुरान तिलावत करना शामिल है। मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। इसके साथ में महीने भर इबादत करते हैं।