विश्व पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का समारोह पूर्वक हुआ समापन, प्रयागराज के छात्रों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
प्रयागराज | नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के अपशिष्ट प्रबंधन , हरित लेखांकन समिति, वनस्पति विज्ञान व भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे सात दिवसीय विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज अंतिम दिन समापन समारोह के अवसर पर रविवार को मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, द्वारा चलाई गई मुहिम प्लॉगिंग ड्राइव योजना चलाकर योगानंद आश्रम से गंगोली शिवाला तक प्लास्टिक के साथ विविध प्रकार के अपशिष्ट को संकलित कर क्षय करने हेतु डंप करवाया गया।
महंत योगानंद आश्रम स्वामी चिद्घघनानंद गिरी, प्रमुख ट्रस्टी योगानंद डॉ. नरेंद्र नाथ गुरुजी, न्यायाधीश पवन तिवारी, नमामि गंगे के प्रांतीय संयोजक राजेश शर्मा , दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ. शु सीला , सामाजिक कार्यकर्ता शिव,. कार्यक्रम समन्वयक. संजय भारती, डॉ. शक्ति नाथ त्रिपाठी, सह समन्वयक डॉ. नंदिनी गोस्वामी,इफको के ज्ञानेंद्र तिवारी,रामेश्वर नाथ तिवारी, एआरपी भदोही के पावन सानिध्य में मुहिम को मूर्त रूप प्रदान किया गया।
डॉ. नरेंद्र नाथ गुरुजी ने बताया कि देवी कवच के श्लोक
यावत भूमंडलम धत्ते सशैल वन काननं।
तावत तिष्ठति मेदिन्यः संतति पुत्र पौत्रिकी ।।
अर्थात देवी जी मानव मात्र की कल्याण करने में तभी तक समर्थ है जब तक प्रकृति के सभी पर्यावरणीय अंगा सुचारू रूप में रहेगें। इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आदि नाथ ने ने बताया कि कार्बन तटस्थता हेतु जैव उपचार, जैव नियंत्रण, जैवक्षय, जैवनिम्नीकरण, जैवखाद, जैवसंभरन को अपनाकर ब्रह्माण्ड के सत्वभूत निर्माणकारी तत्वों को प्रकृति की विधाओं से सीखकर, जल सरंक्षण, मृदा मरुभुमिकरण को रोकने, दूषित जल उपचार, जल की गुणवत्ता को बढ़ाने, बढ़ते ताप को रोकने, परातापीय क्षय को संतुलित करके प्लास्टिक के प्रयोग नकारना, प्राकृतिक संसाधनों का समुचित प्रयोग करके वैश्विक उष्णन, वैस्विक वातावरणीय परिवर्तन को कम किया जा सकता है। सातवें दिन योगानंद आश्रम के छात्रों के सहयोग से प्लास्टिक संचयन के लिए सघन प्रशिक्षण अभ्यास करवाया गया। इस अवसर पर , अंशुमान दुबे, ऋषिराज सहित सैकड़ों छात्र व छात्राएं मौजूद रही|