वाराणसी में EVM विवाद में बड़ी कार्रवाई, चुनाव आयोग के निर्देश पर नोडल अधिकारी एडीएम सस्पेंड
वाराणसी में प्रशिक्षण के लिए जा रही ईवीएम को लेकर हुए विवाद के मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। वाराणसी में ईवीएम के रखरखाव और ट्रांसपोर्टेशन के लिए जिम्मेदार एडीएम एनके सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। मंगलवार को ईवीएम लदी पिकअप समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पकड़ने के बाद बवाल किया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सरकार और चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए थे।
मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। इसी रिपोर्ट को चुनाव आयोग भेजा गया था। वहां से मिले निर्देश के बाद एनके सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।
निर्वाचन आयोग ने माना है कि ईवीएम के ट्रांसपोर्टेशन में गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है। इससे पहले जिला प्रशासन ने भी एनके सिंह को ईवीएम के नोडल अफसर के पद से हटाते हुए उन्हें निर्वाचन के कार्यों से अलग कर दिया है। उनके मतगणना केंद्र जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
पूरे विवाद के लिए प्रशासन ने माना कि पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल से मंगलवार को बिना किसी सूचना के प्रशिक्षण के लिए ईवीएम ले जाई गई थी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने विवाद के बाद कराई जांच में पाया कि नोडल अधिकारी की ओर से लापरवाही की गई है।अब ईवीएम के नोडल अधिकारी एडीएम वित्त व राजस्व संजय कुमार को बनाया गया है। एडीएम आपूर्ति को आदेश दिया गया है कि ना तो वह निर्वाचन कार्य में भाग लेंगे और ना ही वह मतगणना स्थल पर जाएंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार की शाम पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल के पास सपाइयों ने प्रशिक्षण के लिए जा रही ईवीएम लदी पिकअप गाड़ी पकड़ने के बाद हेराफेरी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। मंडी के मेन गेट समेत परिसर में जगह-जगह सपाई धरने पर बैठ गए थे। बैरिकेडिंग तोड़कर ईवीएम वाले स्ट्रांग रूम में दो बार घुसने की कोशिशों में सुरक्षाबलों से धक्कामुक्की हुई थी।
नारेबाजी के बीच मंडी के सामने पांडेपुर-पहड़िया रोड पर जाम लगा दिया था। पथराव भी किया गया था। शाम छह बजे के आसपास शुरू हुआ प्रदर्शन। बवाल पहड़िया से पीलीकोठी तक पहुंच गया था। वहां भी प्रदर्शन हुआ था। प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया और भोर में करीब तीन बजे पिकअप पर लदी सभी ईवीएम को प्रत्याशियों के सामने ही खोल-खोल कर दिखाया। इसके बाद सभी प्रत्य़ाशी संतुष्ट हुए और प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।