बसपा ने अपने 6 विधायकों को जारी किया व्हिप, जानिए किसे वोट देने का दिया आदेश
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जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा चुनावों (Rajasthan Rajyasabha Election 2022) की लगातार चर्चा बनी हुई है. शनिवार को बसपा ने अपने 6 विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है. इसमें बसपा ने विधायकों को आदेश दिया है कि भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को वोट नहीं देना है. अपना वोट निर्दलीय प्रत्याशी को देने के निर्देश दिए हैं.
बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने विधायकों को चेतावनी भी दी कि व्हिप का उल्ल्ंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी. दरअसल दो साल पहले ही बीसएपी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. लेकिन बीसएपी ने विधायक दल के कांग्रेस में विलय को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुन्नौती दी.
ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. लेकिन बीएसपी ने केस का हवाला देकर राजस्थान विधायनासभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इन छह विधायकों को मतदान करने से मांग की थी. अब व्हिप जारी कर दिया. इन छह विधायकों में एक राजेंद्र गुढ़ा गहलोत सरकार में मंत्री है. छह में से चार कांग्रेस से नाराज हैं.
हाालंकि इन विधायकों ने अभी तक साफ नहीं किया है कि वे कांग्रेस प्रत्याशी को वोट देंगे या नहीं. इन पर किसका वव्हिप लागू होगा कांग्रेस या बीएसपी का ये भी साफ नहीं हो पाया है. बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है.
इसको लेकर कांग्रेस ने अपने और समर्थक विधायकों को उदयपुर के एक होटल में ठहराया है. ताकी खरीद-फरोख्त से बचा जा सके. कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के छह विधायकों में से केवल जोगिन्दर अवाना उदयपुर में हैं. राजेन्द्र गुढा ने बीते रोज शुक्रवार को कांग्रेस के प्रति नाराजगी भी जताई थी. गुढा ने कहा था कि कांग्रेस में विधायकों को जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा.
बता दें कि कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, और प्रमोद तिवारी को राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी मैदान में हैं. इसके अलावा सुभाष चंद्रा भी निर्दलीय उम्मीदवार हैं. चंद्रा को भाजपा ने समर्थन दिया है.
जानें व्हिप को लेकर क्या बोले जानकार
हालांकि इस व्हिप को लेकर कहा जा रहा है कि इसका कोई कानूनी मतलब नहीं है. जानकारों का कहना है कि पार्टी का मुख्य सचेतक या विधायक दल का नेता ही व्हिप जारी कर सकता है. वहीं इन 6 विधायकों को विधानसभा स्पीकर की मंजूरी के साथ कांग्रेस में मिला लिया गया है. अब वे कांग्रेस के विधायक कहलाए जा रहे हैं. हालांकि बसपा ने इस विलय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन जब तक इस मामले में फैसला नहीं आ जाता तक उन पर कांग्रेस का व्हिप लागू होगा.