पूर्वांचल में भाजपा ने तीन विधायकों के टिकट काटे, नए चेहरों को दिया मौका
भाजपा ने शनिवार को पूर्वांचल की नौ और सीटों के प्रत्याशियों घोषणा करते हुए तीन विधायकों के टिकट काट दिए। मुहम्मदाबाद गोहना (सु.) सीट से विधायक श्रीराम सोनकर, मुगलसराय से साधना सिंह और चकिया (सु) से शारदा प्रसाद को दोबारा मौका नहीं दिया।
श्रीराम सोनकर का नाम घोषित होने के बाद वापस ले लिया गया। उनकी जगह पूनम सरोज पर विश्वास जताया गया है। माना जा रहा है कि सोनकर के नाम पर हुए विरोध को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला लिया। जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, उनके क्षेत्र में नए चेहरों को अवसर दिया गया है।
जारी सूची के मुताबिक आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से अरविंद जायसवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। अरविंद 2012 में कांग्रेस के टिकट पर सगड़ी से चुनाव लड़ चुके हैं। वह गोरखपुर क्षेत्र के भाजपा उपाध्यक्ष भी हैं। उनकी पत्नी नीतू दो बार नगर पंचायत की चेयरमैन रह चुकी हैं। मऊ सदर सीट पर अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
ओबरा (सुरक्षित) से संजीव गोंड़ को एक बार फिर मौका दिया गया है। वह पहली बार 2017 में विधायक चुने गए थे। 2021 में उन्हें समाज कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया। घोरावल सीट पर पार्टी ने वर्तमान विधायक अनिल मौर्य को ही टिकट दिया है। इसके पूर्व अनिल मौर्य बसपा से दो बार विधायक रह चुके हैं।
जहूराबाद से भाजपा ने पूर्व विधायक कालीचरण राजभर को टिकट दिया है। कालीचरण दो माह पहले ही सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। 2002 और 2007 में वह बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 2021 में सपा में चले गए थे। जौनपुर के मछलीशहर (सुरक्षित) सीट से मेहीलाल गौतम चुनाव लड़ेंगे। मेहीलाल प्रधान रहे हैं।
सुजानगंज में उनकी टायर की दुकान है।मुगलसराय से विधायक साधना सिंह का टिकट काटकर रमेश जायसवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। रमेश काशी प्रांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हैं। तकरीबन 22 वर्षों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से जुड़े हैं।
चकिया (सुरक्षित) से विधायक शारदा प्रसाद को भी मौका नहीं मिला। यहां कैलाश खरवार को मैदान में उतारा गया है। कैलाश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सह विभाग संचालक हैं। फिलहाल प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं और सात फरवरी से शैक्षिक अवकाश पर चल रहे हैं।