आवेदन भरवाए,फीस ली हमसे और विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया उनको…10 से ज्यादा सीटों में कांग्रेस ने बाहरियों पर जताया भरोसा
विधानसभा चुनाव 2022: आवेदन भरवाए हमसे, पांच से दस हजार रुपये फीस ली और टिकट दे दिया उसे जो दूर-दूर तक दौड़ में भी नहीं था। वर्तमान विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए अर्जी लगाने वाले कई कांग्रेस नेताओं की जुबां पर इस वक्त यह सवाल भी है। कांग्रेस में 10 से ज्यादा सीटें ऐसी थीं, जहां कांग्रेस ने अंतिम क्षणों में बाहरी प्रत्याशियों को टिकट दे दिया और लंबे समय से उम्मीद लगाए कार्यकर्ता देखते ही रह गए।
लैंसडौन सीट से दावेदार राजेंद्र सिंह भंडारी कहते हैं कि पार्टी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा के बाद मैंने दावेदारी वापस ले ली थी। कई लोगों ने आवेदन किया था और फीस भी जमा कराई थी। लेकिन फैसला कुछ ओर हो गया। इसी प्रकार यमुनोत्री से कांग्रेस के इकलौते दावेदार संजय डोभाल थे।
डोभाल ने भी तय समय के भीतर दस हजार फीस के साथ आवेदन जमा भी करा दिया था। अंतिम क्षणों में डोभाल का टिकट कट गया और कुछ ही दिन पहले कांग्रेस में आए दीपक बिजल्वाण को टिकट दे दिया गया। डोभाल कहते हैं कि कांग्रेस में टिकट तय करने वालों का आचरण पूरे प्रदेश ने देखा है।
यदि कांग्रेस में जरा भी नैतिकता बची होगी तो वो मेरे आवेदन की फीस वापस कर देगी। बाकी, मैं उनसे फीस वापस लेने नहीं जाउंगा। इस चुनाव में कांग्रेस में 478 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया था। एससी वर्ग के दावेदार को पांच हजार और सामान्य दावेदार को आवेदन के साथ 10 हजार रुपये जमा करने थे।
यहां बदले अंतिम क्षणों में दावेदार
यमुनोत्री,लैंसडौन,रामनगर,सल्ट,लालकुआं,टिहरी,पुरोला,नरेंद्रनगर,रायपुर और लक्सर टिकट दावेदारों से कांग्रेस को 41 लाख की कमाई
कांग्रेस को अब तक आए आवेदनों से 41 लाख 70 हजार रुपये की कमाई हो चुकी है। प्रदेश उपाध्यक्ष-मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार के अनुसार टिकट आवेदन से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को 41 लाख 70 हजार रुपये का शुल्क प्राप्त हुआ है।
प्रदेश में विस सीट केवल 70 हैं। इसलिए 70 लोगों को ही टिकट दिए जा सकते है। कई बार टिकट को लेकर रणनीतिक फैसले लेने पड़ते हैं। मैं खुद कई बार पिथौरागढ़ में टिकट के लिए आवेदन कर चुका हूं। फीस भी जमा की लेकिन टिकट नहीं मिला। टिकट न मिलने से दु:खी नहीं होना चाहिए। रही बात फीस की तो वो नॉन रिफंडेबल है